CBSE 10th Sample Paper Hindi A Set 12 With Solutions

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Akansha
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समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80

सामान्य निर्देश

  • इस प्रश्न-पत्र में कुल 15 प्रश्न हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  • इस प्रश्न-पत्र में कुल चार खंड हैं – क, ख, ग, घ ।
  • खंड-क में कुल 2 प्रश्न हैं, जिनमें उप- प्रश्नों की संख्या 10 है।
  • खंड-ख में कुल 4 प्रश्न हैं, जिनमें उप- प्रश्नों की संख्या 20 है । दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 16 उप- प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
  • खंड-ग में कुल 5 प्रश्न हैं, जिनमें उप- प्रश्नों की संख्या 20 है।
  • खंड-घ में कुल 4 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं।
  • प्रश्नों के उत्तर दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए लिखिए ।

खंड ‘क’ (अपठित बोध) (14 अंक)

इस खंड में अपठित गद्यांश व काव्यांश से संबंधित तीन बहुविकल्पीय (1 × 3 = 3) और दो अतिलघूत्तरात्मक व लघूत्तरात्मक (2 × 2 = 4) प्रश्न दिए गए हैं।

प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।

मानव सभ्यता पर औद्योगिक क्रांति की धमक अभी थमी भी नहीं कि एक नई तकनीकी क्रांति ने अपने आने की घोषणा कर दी है। ‘नैनो- तकनीक’ के समर्थक दावा करते हैं कि जब यह अपने पूरे वजूद से आएगी तो धरती का नामोनिशान मिट जाएगा और नैनो रोबोट की स्वनिर्मित फौज पूरी तरह क्षत-विक्षत शव को पलक झपकते ही चुस्त-दुरुस्त इंसान में तब्दील कर देगी। दूसरी ओर नैनो-तकनीक की असीमित शक्ति से आशंकित इसके विरोधी इसे मिस्र के पिरामिडों में सोई ममियों से भी अधिक अभिशप्त समझते हैं। इन दोनों अतिवादी धारणाओं के बीच इतना अवश्य कहा जा सकता है कि हम तकनीकी क्रांति के एक सर्वथा नए मुहाने पर आ पहुँचे हैं, जिसके बाद उद्योग, चिकित्सा, दूरसंचार, परिवहन सहित हमारे जीवन में शामिल तमाम तकनीकी जटिलताएँ अपने पुराने अर्थ खो देंगी ।

इस अभूतपूर्व तकनीकी बदलाव के सामाजिक-सांस्कृतिक निहितार्थ क्या होंगे, यह देखना सचमुच दिलचस्प होगा। आदमी ने कभी सभ्यता की बुनियाद पत्थर के बेडौल हथियारों से डाली थी, अनगढ़ शिलाओं को छीलकर उन्हें कुल्हाड़ों और भालों की शक्ल में ढाला और इस उपलब्धि ने उत्पादकता की दृष्टि से उसे दूसरे जंतुओं की तुलना में लाभ की स्थिति में ला खड़ा किया। औज़ारों को बेहतर बनाने का यह सिलसिला आगे कई विस्मयकारी मसलों से गुज़रा और औद्योगिक क्रांति ने तो मनुष्य को मानो प्रकृति के नियंत्रक की भूमिका सौंप दी। तकनीकी कौशल की हतप्रभ कर देने वाली इस यात्रा में एक बात ऐसी है, जो पाषाण युग के बेढब हथियारों से लेकर चमत्कारी माइक्रोचिप निर्माण तक एक जैसी बनी रही।

हम अपने औजार, कच्चे माल को तराशकर बनाते हैं। यह सर्वविदित तथ्य है कि सारे पदार्थ परमाणुओं से मिलकर बने हैं, लेकिन पदार्थों के गुण इस बात पर निर्भर करते हैं कि उनमें परमाणुओं को किस तरह सजाया गया है। कार्बन के परमाणुओं की एक खास बनावट से कोयला तैयार होता है, तो दूसरी खास बनावट उन्हें हीरे का रूप दे देती है । परमाणु और अणुओं को इकाई मानकर मनचाहा उत्पाद तैयार करना ही ‘नैनो-तकनीक’ का सार है

(ख) निम्नलिखित कथन पढ़कर नीचे दिए सही विकल्प का चयन कीजिए
‘नैनो तकनीक’ तकनीकी जटिलताओं को बिल्कुल समाप्त कर देगी, क्योंकि
1. इससे प्रकृति को कोई हानि नहीं होती है।
2. इसकी शक्तियाँ असीमित हैं।
3. इससे तकनीकी कुशलता में अत्यंत वृद्धि होगी ।
4. यह स्वनिर्मित फौज पूरी करती है।
कूट
(i) केवल 1 सही है
(ii) 1 और 2 सही हैं
(iii) 2 और 3 सही हैं
(iv) 3 और 4 सही हैं
उत्तर:
(iii) 2 और 3 सही हैं ‘नैनो तकनीक’ तकनीकी जटिलताओं को बिल्कुल समाप्त कर देगी, क्योंकि इसकी शक्तियाँ असीमित हैं तथा इससे तकनीकी कुशलता में अत्यंत वृद्धि होगी ।

(ग) कथन (A) नैनो तकनीक मनुष्य की सोच की सीमा बढ़ा देगी।
कारण (R) यह मनुष्य को केवल विनाश की ओर ले जाएगी।
(i) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है ।
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों गलत हैं।
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, परंतु कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
उत्तर:
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, परंतु कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है। गद्यांश के अनुसार, नैनो तकनीक के महत्त्व के बारे में दोनों कथन सही हैं कि यह ऐसी तकनीक है, जो मनुष्य की सोच की सीमा बढ़ा देगी और एक दिन यह मनुष्य को विनाश की ओर भी ले जा सकती है, लेकिन कारण (R), कथन (A) से संबद्ध न होने के कारण उसकी सही व्याख्या नहीं कर रहा है।

(घ) नैनो तकनीक के विरोधी द्वारा इसे मिस्र के पिरामिडों में सोई ममियों से भी अधिक अभिशप्त क्यों मानते हैं?
उत्तर:
नैनो तकनीक के विरोधी इसे मिस्र के पिरामिडों में सोई ममियों से भी अधिक अभिशप्त इसलिए मानते हैं, क्योंकि यह तकनीक संपूर्ण मानव जाति के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकती है।

(ङ) गद्यांश के अनुसार, ‘नैनो तकनीक’ से क्या आशय है?
उत्तर:
प्रस्तुत गद्यांश के अनुसार, परमाणु और अणुओं को मूलभूत इकाई मानकर इच्छानुसार उत्पाद तैयार करना ही नैनो तकनीक है।

प्रश्न  2.
निम्नलिखित काव्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।

वैराग्य छोड़ बाँहों की विभा सँभालो
चट्टानों की छाती से दूध निकालो।
है रुकी जहाँ भी धार शिलाएँ तोड़ो,
पीयूष चंद्रमाओं को पकड़ निचोड़ो
चढ़ तुंग शैल शिखरों पर सोम पियो रे ।
योगियों नहीं, विजयी के सदृश जियो रे ।
छोड़ो मत अपनी आन, सीस कट जाए,
मत झुको अनय पर, भले व्योम फट जाए
दो बार नहीं यमराज कंठ धरता है,
मरता है जो, एक ही बार मरता है।
तुम स्वयं मरण के मुख पर चरण धरो रे ।
जीना हो तो मरने से नहीं डरो रे ।
स्वातंत्र्य जाति की लगन व्यक्ति की धुन है,
बाहरी वस्तु यह नहीं, भीतरी गुण है।
नत हुए बिना जो अशनि – घात सहती है,
स्वाधीन जगत में वही जाति रहती है।
वीरत्व छोड़ पर का मत चरण गहो रे ।

(क) काव्यांश के आधार पर बताइए कि कैसी परिस्थितियों में मनुष्य को मृत्यु की चिंता नहीं करनी चाहिए?
(i) जब अपनी आन दाँव पर लगी हो
(ii) जब युद्ध में भाग लेना हो
(iii) जब अचूक अस्त्रों से लड़ना पड़े
(iv) जब शत्रु अधिक शक्तिशाली हो
उत्तर:
(i) जब अपनी आन दाँव पर लगी हो काव्यांश में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि जब अपनी आन अर्थात् अपना आत्मसम्मान . दाँव पर लगा हो, तब मनुष्य को मृत्यु की भी चिंता नहीं करनी चाहिए।

(ख) कवि के अनुसार, कौन-सी जाति स्वाधीनतापूर्वक जीवित रह पाती है? सही विकल्प का चयन कीजिए
1. जो जाति झुकना जानती है
2. जो तलवारों की चोट का सामना करने पर भी हार नहीं मानती
3. जो तलवारों की चोट का सामना करने पर हार मान लेती है
4. जिस जाति को मरने का भय नहीं होता
कूट
(i) कथन 2 और 3 सही हैं।
(ii) कथन 2 और 4 सही हैं।
(iii) केवल कथन 3 सही है।
(iv) कथन 1, 2 और 3 सही हैं।
उत्तर:
(ii) कथन 2 और 4 सही हैं। प्रस्तुत काव्यांश में बताया गया है कि जो जाति स्वाधीनतापूर्वक जीवित रह पाती है, वह तलवारों की चोट का सामना करने पर भी हार नहीं मानती और उसे किसी भी प्रकार से मरने का भय नहीं होता है।

(ग) कथन (A) भारत के युवकों को साहस भरा और सम्मानपूर्वक जीवन जीना चाहिए।
कारण (R) युवाओं को प्रत्येक संकट का सामना करना चाहिए ।
(i) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों गलत हैं।
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, परंतु कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है ।
उत्तर:
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, परंतु कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है। भारत के युवकों को साहस भरा और सम्मानपूर्वक जीवन जीना चाहिए। मनुष्य को कभी भी स्वाधीनता का जीवन नहीं जीना चाहिए, चाहे उसे कितनी ही विपत्तियों का सामना करना पड़ जाए। यहाँ कारण (R) केवल युवाओं को संकट का सामना करने के बारे में ही बात कर रहा है, परंतु यह स्पष्ट नहीं कर पा रहा है कि भारत के युवकों को साहस भरा व सम्मानपूर्वक जीवन क्यों जीना चाहिए।

(घ) ‘दो बार नहीं यमराज कंठ धरता है’ पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
प्रस्तुत पंक्ति का आशय है कि व्यक्ति को अपनी आन नहीं छोड़नी चाहिए और न ही अन्याय के लिए झुकना चाहिए, क्योंकि यमराज दो बार नहीं एक ही बार आकर कंठ को धरता है अर्थात् मृत्यु एक ही बार मिलती है, इसलिए हमें प्रत्येक संकट का सामना बहादुरी से करने के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए।

(ङ) युवकों को आदर्श जीवन किस प्रकार जीना चाहिए?
उत्तर:
भारत के युवाओं को आदर्श जीवन जीने हेतु जोश से भरा होना चाहिए, उनमें देशभक्ति की भावना जागृत होनी चाहिए तथा युवावस्था का सदुपयोग करना चाहिए। युवाओं को एक पराक्रमी वीर के समान जीवन जीना चाहिए न कि योगियों की तरह।

खंड ‘ख’ (व्यावहारिक व्याकरण) (16 अंक)

व्याकरण के लिए निर्धारित विषयों पर अतिलघूत्तरात्मक व लघूत्तरात्मक 20 प्रश्न दिए गए हैं, जिनमें से केवल 16 प्रश्नों (1 × 16 = 16) के उत्तर देने हैं।

प्रश्न  3.
निर्देशानुसार वाक्य भेद पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए । (1 × 4 = 4)

(क) ‘बालगोबिन जानते थे कि अब बुढ़ापा आ गया है।’ आश्रित उपवाक्य छाँटकर उसका भेद लिखिए ।
उत्तर:
रेखांकित उपवाक्य संज्ञा उपवाक्य है।

(ख) ‘रोहन के हाथ में चोट लग गई है, इसलिए वह स्कूल नहीं जा सकेगा।’ प्रस्तुत वाक्य का रचना के आधार पर वाक्य भेद बताइए |
उत्तर:
प्रस्तुत वाक्य रचना के आधार पर संयुक्त वाक्य है।

(ग) ‘जैसे ही सूर्योदय हुआ, फूल खिल उठे।’ इस वाक्य को सरल वाक्य में बदलिए ।
उत्तर:
सूर्योदय होते ही फूल खिल उठे।

(घ) ‘चौकीदार आकर डंडा घुमाकर चला गया।’ इसका मिश्रित वाक्य क्या होगा?
उत्तर:
जैसे ही चौकीदार आया, वैसे ही वह डंडा घुमाकर चला गया।

(ङ) ‘वह परिश्रम करने के कारण सफल हो गया।’ संयुक्त वाक्य में लिखिए ।
उत्तर:
उसने परिश्रम किया और वह सफल हो गया ।

प्रश्न  4.
निर्देशानुसार वाच्य पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए । (1 × 4 = 4)

(क) ‘ड्राइवर ने जोर से ब्रेक मारे’ । प्रस्तुत वाक्य को कर्नाक्य में बदलिए ।
उत्तर:
ड्राइवर द्वारा जोर से ब्रेक मारे गए।

(ख) ‘किसान द्वारा खेतों में कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव किया जाता है।’ उपर्युक्त वाक्य में वाच्य का भेद बताइए ।
उत्तर:
प्रस्तुत वाक्य कर्मवाच्य है।

(ग) ‘सोहन नहीं चलता है’ प्रस्तुत वाक्य को भाववाच्य में परिवर्तित कीजिए।
उत्तर:
सोहन से चला नहीं जाता।

(घ) ‘राजा द्वारा प्रजा को कष्ट दिए गए।’ इस वाक्य का कर्तृवाच्य क्या होगा ?
उत्तर:
राजा ने प्रजा को कष्ट दिए ।

(ङ) ‘मुझसे यह काम नहीं हो सकता।’ प्रस्तुत वाक्य को कर्तृवाच्य में बदलिए ।
उत्तर:
मैं यह काम नहीं कर सकता।

प्रश्न  5.
निर्देशानुसार पद परिचय पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए । (1 × 4 = 4)
निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित पदों का पद परिचय लिखिए ।

(क) हम देश पर सर्वस्व न्योछावर करने को तैयार हो जाते हैं।
उत्तर:
हो जाते हैं सकर्मक क्रिया, पुल्लिंग, बहुवचनं, कर्तृवाच्य, सामान्य वर्तमान

(ख) वहाँ अत्यधिक लोग जमा हो गए थे।
उत्तर:
अत्यधिक संख्यावाचक विशेषण, पुल्लिंग, बहुवचन, विशेष्य ‘लोग’

(ग) हिमालय विश्व का सबसे ऊँचा पर्वत है।
उत्तर:
पर्वत जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, संबंधकारक

(घ) जब हम रेलवे स्टेशन पहुँचे, गाड़ी छूट रही थी ।
उत्तर:
जब कालवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया – छूट रही थी

(ङ) किसी ने मेरी किताब ले ली। यह फसल किसी जानवर ने खाई है।
उत्तर:
पहला किसी अनिश्चयवाचक सर्वनाम, दूसरा किसी—सार्वनामिक विशेषण

प्रश्न  6.
निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।

(क) ‘कोटि कुलिस, सम बचनु तुम्हारा ।’ प्रस्तुत काव्य पंक्ति में निहित अलंकार लिखिए।
उत्तर:
प्रस्तुत पंक्ति में उपमा अलंकार है, क्योंकि यहाँ परशुराम के वचनों की तुलना कठोर वज्र से की गई है तथा ‘सम’ वाचक शब्द है।

(ख) “स्वर्णशालियों की कलमें थीं
दूर-दूर तक फैल रहीं।
शरद-इंदिरा के मंदिर की
मानो कोई गैल रही ।।”
इन काव्य पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार कौन-सा है ?
उत्तर:
इसमें धान की पकी हुई बालियों की कतार पर (उपमेय) शरतकालीन लक्ष्मी (शोभा) के मंदिर में जाने वाली पगडंडी (उपमान) की संभावना की गई है। अतः यहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार है।

(ग) मंद हंसी मुखचंद जुन्हाई ।’ प्रस्तुत पंक्ति में कौन-सा अलंकार है ?
उत्तर:
प्रस्तुत पंक्ति में मुख को चाँद रूपी मानने से यहाँ रूपक अलंकार है ।

(घ) जगी वनस्पतियाँ अलसाई मुह धोया शीतल जल से।, इन काव्य पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार कौन-सा है?
उत्तर:
वनस्पतियों का मुँह नहीं होता है। ये मुँह धोने वाली, अलसाने वाली आदि क्रियाएँ केवल मनुष्यों की होती हैं। ये क्रियाएँ वनस्पति द्वारा किया जाना असंभव है। अतः यह मानवीकरण अलंकार है ।

(ङ) ‘हाथों से उठा गिरि को,
कंदुक भाँति उछाल निशिचर, हुँकार भरते हैं।’, इन काव्य पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार कौन-सा है ?
उत्तर:
यहाँ राक्षसों द्वारा हाथों से पहाड़ को उठाकर गेंद की तरह उछालने की बात की गई है। अतः बात को बढ़ा-चढ़ाकर कहने से यहाँ अतिशयोक्ति अलंकार है।

खंड ‘ग’ (पाठ्यपुस्तक एवं पूरक पाठ्यपुस्तक) (30 अंक)

इस खंड में पाठ्यपुस्तक एवं पूरक पाठ्यपुस्तक से प्रश्न पूछे गए हैं, जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।

प्रश्न  7.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)

हालदार साहब को आदत पड़ गई, हर बार कस्बे से गुजरते समय चौराहे पर रुकना, पान खाना और मूर्ति को ध्यान से देखना। एक बार जब कौतूहल दुर्दमनीय हो उठा तो पानवाले से ही पूछ लिया, “क्यों भई! क्या बात है? यह तुम्हारे नेताजी का चश्मा हर बार बदल कैसे जाता है?” पानवाले ने खुद के मुँह में पान ठँसा हुआ था। वह एक काला, मोटा और खुशमिजाज आदमी था । हालदार साहब का प्रश्न सुनकर वह आँखों ही आँखों में हँसा । उसकी तोंद थिरकी। पीछे घूमकर उसने दुकान के नीचे पान थूका और अपनी लाल – काली बत्तीसी दिखाकर बोला, “कैप्टन चश्मे वाला करता है।” क्या करता है? हालदार साहब कुछ समझ नहीं पाए। चश्मा चेंज कर देता है । पानवाले ने समझाया। क्या मतलब क्या चेंज कर देता है? हालदार साहब अब भी नहीं समझ पाए। कोई गिराक आ गया समझो। उसे चौड़े चौखर चाहिए तो कैप्टन किधर से लाएगा? तो उसको मूर्ति वाला दे दिया। उधर दूसरा बिठा दिया।

(क) कैप्टन चश्मे वाला मूर्ति का चश्मा बार-बार क्यों बदल देता था?
(i) ग्राहक को मूर्ति पर लगा चश्मा पसंद आने पर चश्मे वाला उसे ग्राहक को देकर वहाँ दूसरा चश्मा लगा देता था
(ii) उसे मूर्ति पर चश्मा बदलना अच्छा लगता था
(iii) मूर्ति पर चश्मा गंदा होने पर वह उसे दूसरा चश्मा पहना देता था
(iv) मूर्ति से बच्चे चश्मा उतार लेते थे
उत्तर:
(i) ग्राहक, को मूर्ति पर लगा चश्मा पसंद आने पर चश्मे वाला उसे ग्राहक को देकर वहाँ दूसरा चश्मा लगा देता था कैप्टन को नेताजी की बिना चश्मे वाली मूर्ति अच्छी नहीं लगती थी। इसलिए वह अपने पास रखे हुए कुछ फ्रेमों में से एक फ्रेम नेताजी की मूर्ति को पहना देता था, परंतु जब किसी ग्राहक को वह फ्रेम पसंद आता, तो कैप्टन उस फ्रेम को निकालकर ग्राहक को दे देता था और मूर्ति को दूसरा फ्रेम पहना देता था ।

(ख) हालदार साहब के सवाल पर पानवाला क्यों हँसा?
(i) हालदार साहब को देखकर
(ii) उसका उद्देश्य कैप्टन चश्मे वाले का मजाक उड़ाना था
(iii) हालदार साहब का प्रश्न सुनकर पानवाले को हँसी आ गई
(iv) मूर्ति की दशा को देखकर
उत्तर:
(ii) उसका उद्देश्य कैप्टन चश्मे वाले का मजाक उड़ाना था हालदार साहब ने जब पानवाले से पूछा कि तुम्हारे नेताजी का चश्मा हर बार बदल कैसे जाता है, तो पानवाला उनकी इस बात पर आँखों ही आँखों हँस पड़ा, क्योंकि उसका उद्देश्य कैप्टन चश्मे वाले का मजाक उड़ाना था। अतः उसने मजाक उड़ाने के अंदाज में कहा कि नेताजी के चश्मे को बार-बार कैप्टन चश्मे वाला बदलता है।

(ग) पानवाला देखने में कैसा था?
(i) हँसमुख, मोटा व काले रंग का
(ii) चिड़चिड़ा व क्रोधी स्वभाव का
(iii) हँसमुख, पतला व गोरे रंग का
(iv) भावुक व साँवले रंग का
उत्तर:
(i) हँसमुख, मोटा व काले रंग का पानवाला हमेशा हँसता रहता था। उसके मुँह में अधिकतर पान ठुसा रहता था। वह काला, मोटा और खुशमिजाज आदमी था। वह हर बात का जवाब हमेशा मज़ाक उड़ाने के अंदाज में हँसते हुए देता था ।

(घ) कथन (A) ‘कैप्टन’ शब्द का प्रयोग चश्मेवाले के लिए किया गया है।
कारण (R) ‘कैप्टन’ चश्मेवाला किसी फौज का कैप्टन था
(i) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(ii) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है।
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों गलत हैं।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं।
उत्तर:
(ii) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है। प्रस्तुत गद्यांश में ‘कैप्टन’ शब्द चश्मे वाले के लिए प्रयुक्त हुआ है, क्योंकि सभी लोग उसे इसी नाम से पुकारते थे। वह किसी फौज का कैप्टन नहीं था और न ही वह नेताजी की फौज का सिपाही था। वह एक मरियल, बूढ़ा, लँगड़ा व्यक्ति था, जो सिर पर गाँधी टोपी व आँखों पर काला चश्मा लगाकर रखता था। वह चश्मे बेचने का कार्य करता था।

(ङ) ‘कैप्टन चश्मे वाला नेताजी की मूर्ति पर चश्मा लगाता था ।
प्रस्तुत कथन पढ़कर सही विकल्प का चयन कीजिए।
1. केवल अपने चश्मे बेचने के लिए
2. अपने मनोरंजन के लिए
3. चश्मा लगाने पर नेताजी की मूर्ति वास्तविक रूप में सुंदर लगने लगती थी
4. मूर्तिकारों को चश्मा न बनाने का अहसास कराने के लिए
कूट
(i) केवल 1 सही है
(ii) 1 और 2 सही हैं
(iii) केवल 3 सही है
(iv) 3 और 4 सही हैं
उत्तर:
(iii) केवल 3 सही है प्रस्तुत गद्यांश के अनुसार, कैप्टन चश्मेवाला नेताजी की मूर्ति पर चश्मा इसलिए लगाता था, क्योंकि चश्मा लगाने पर नेताजी की मूर्ति वास्तविक रूप में सुंदर लगती थी तथा कैप्टन चश्मे वाले को नेताजी की मूर्ति पर चश्मा न होना अच्छा नहीं लगता था, क्योंकि चश्मा नेताजी की एक महत्त्वपूर्ण निशानी थी। इसलिए वह अपने बहुत से चश्मों के फ्रेमों में से एक फ्रेम नेताजी की मूर्ति पर लगा देता था, जिसके बाद मूर्ति नेताजी के व्यक्तित्व को पूरा करते हुए उसे वास्तविकता का रूप दे देती थी।

प्रश्न  8.
गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (3 × 2 = 6)

(क) नवाब साहब की असुविधा और संकोच के क्या कारण रहे? ‘लखनवी अंदाज़’ पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए ।
उत्तर:
नवाब साहब की असुविधा और संकोच के निम्नलिखित कारण रहे
(i) नवाब साहब ने तौलिए पर दो खीरे रखे हुए थे। लेखक के वहाँ अचानक आने पर नवाब साहब संकोच कर रहे थे कि कहीं लेखक यह न सोचे कि वे खीरे जैसी अपदार्थ वस्तु का शौक रखते हैं।
(ii) नवाब साहब ने मितव्ययिता के विचार से द्वितीय क्लास का टिकट खरीद लिया था और अब वह यह नहीं चाहते थे कि शहर का कोई सफ़ेदपोश (सभ्य व्यक्ति) उन्हें मध्यम श्रेणी में यात्रा करते हुए देखे ।

(ख) बिस्मिल्ला खाँ के व्यक्तित्व की कौन-कौन सी विशेषताओं ने आपको प्रभावित किया? ‘नौबतखाने में इबादत’ पाठ के आधार पर लिखिए।
उत्तर:
उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ का पूरा जीवन प्रेरणात्मक रहा है, किंतु फिर भी उनकी सादगी, सच्चाई, प्राचीन संस्कृति को बनाए रखने की कोशिशें, अपनी कला को लगातार अभ्यास करते हुए निखारना व अपने से बड़ों का सदा सम्मान करना आदि विशेषताओं ने हमें मुख्य रूप से प्रभावित किया।

(ग) बालगोबिन भगत के मधुर गायन से सम्मोहित होकर लोग हर प्रकार की परेशानी को भूल जाते थे। ‘बालगोबिन भगत’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
बालगोबिन भगत प्रत्येक परिस्थिति और मौसम में कबीर के पदों को अपने मधुर स्वर से सजीव कर देते थे। यह उनके मधुर गायन का ही प्रभाव था कि उमस भरी शाम में भी स्त्री-पुरुष अपने घरों से निकलकर उन्हें घेरकर बैठ जाते तथा उनके मधुर स्वर का आनंद लेते थे। जिस समय वे गा रहे होते, उनके साथ ही श्रोताओं के तन और मन भी नृत्यशील हो उठते। उनके मधुर गायन से सम्मोहित होकर लोग हर प्रकार की परेशानी को भूल जाते थे।

(घ) मन्नू भंडारी ने अपनी माँ की तुलना धरती से क्यों की है ? ‘एक कहानी यह भी पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
लेखिका मन्नू भंडारी ने अपनी माँ की तुलना धरती से इसलिए की है, क्योंकि धरती की तरह उनमें भी असीम धैर्य और सहनशक्ति थी। उन्होंने भी धरती की तरह केवल देना ही सीखा था, किसी से कुछ पाने की इच्छा नहीं रखी थी, इसलिए वह लेखिका के पिता द्वारा किए जाने वाले हर अत्याचार को अपना भाग्य तथा अपने बच्चों की उचित – अनुचित प्रत्येक माँग व हठ को अपना कर्त्तव्य समझकर अत्यंत सहजतापूर्ण स्वीकार कर लेती थीं।

प्रश्न  9.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए । (1 × 5 = 5)

बादल, गरजो! घेर घेर घोर गगन, धाराधर ओ !
ललित ललित, काले घुँघराले, बाल कल्पना के से पाले,
विद्युत – छबि उर में, कवि, नवजीवन वाले !
वज्र छिपा, नूतन कविता
फिर भर दो – बादल गरजो!

(क) कवि बादलों को संबोधित करते हुए क्या कह रहा है?
(i) लोगों के मन को सुख से भरने के लिए
(ii) संपूर्ण आकाश को घेर घेरकर बरसने के लिए
(iii) आकाश को साफ करने के लिए
(iv) बिजली चमकाने के लिए
उत्तर:
(ii) संपूर्ण आकाश को घेर घेरकर बरसने के लिए प्रस्तुत कविता में कवि बादलों को संबोधित करते हुए संपूर्ण आकाश को घेर घेरकर बरसने के लिए कह रहा है।

(ख) कवि ने बादलों की व्याख्या किस प्रकार की है?
(i) हृदय की बिजली के समान, नवजीवन प्रदान करने वाला, इच्छा पूर्ति करने वाला
(ii) काले केश वाला, संसार में जोश भरने वाला
(iii) संपूर्ण आकाश को ढकने वाला, गरजकर शोर मचाने वाला
(iv) कल्पना के समान, बिजली गिराने वाला
उत्तर:
(i) हृदय की बिजली के समान, नवजीवन प्रदान करने वाला, इच्छा पूर्ति करने वाला कवि बादलों की व्याख्या करते हुए कहते हैं कि तुम्हारे हृदय में बिजली की चमक है, जैसे बादल वर्षा करके सभी को नया जीवन प्रदान करते हैं, पीड़ित प्यासे जन की इच्छा पूरी करते हैं, उसी प्रकार तुम भी संसार को नया जीवन प्रदान करने वाले हो ।

(ग) कथन (A) निराला बादलों के माध्यम से कवि ने संदेश दिया है।
कारण (R) नवीन सृष्टि का निर्माण और संसार में जोश भरने के लिए।
(i) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(ii) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है।
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं परंतु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर:
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की व्याख्या करता है। कविता में कवि निराला बादलों के माध्यम से यह संदेश दे रहे हैं कि हमें भावनाओं में वज्र छिपाकर नवीन सृष्टि का निर्माण और समस्त संसार में जोश को भरना है, जिससे संसार को नया जीवन मिल सके।

(घ) पद्यांश में बादल क्या संकेत कर रहे हैं?
(i) मनुष्य में उत्साह वृद्धि, संघर्ष के प्रति प्रेरित करने और जीवन में नवीनता व परिवर्तन लाने की ओर
(ii) मनुष्य को लड़ने, संघर्ष से भागने और जीवन में नवीनता व परिवर्तन लाने की ओर
(iii) मनुष्य को हतोत्साहित करने, संघर्ष के लिए उत्प्रेरित करने और जीवन में नवीनता लाने की ओर
(iv) मनुष्य को उत्साहित करने, संघर्ष से पीछे हटने और जीवन में परिवर्तन लाने की ओर
उत्तर:
(i) मनुष्य में उत्साह वृद्धि, संघर्ष के प्रति प्रेरित करने और जीवन में नवीनता व परिवर्तन लाने की ओर प्रस्तुत कविता में बादल मनुष्य में उत्साह वृद्धि, संघर्ष के प्रति प्रेरित करने और जीवन में नवीनता व परिवर्तन लाने की ओर संकेत कर रहे हैं।

(ङ) कवि के अनुसार, नूतन कविता कैसी होनी चाहिए?
1. संपूर्ण संसार में जोश भर देने वाली
2. संपूर्ण संसार को नीरवता से भर देने वाली
3. संपूर्ण संसार का अंत कर देने वाली
4. संपूर्ण संसार में उत्साह लाने वाली
कूट
(i) कथन 1 और 4 सही हैं।
(ii) कथन 2 और 3 सही हैं।
(iii) केवल कथन 1 सही है।
(iv) केवल कथन 3 सही है।
उत्तर:
(i) कथन 1 और 4 सही हैं। संपूर्ण संसार में जोश और उत्साह. भर देने वाली कवि के अनुसार, नूतन कविता संपूर्ण संसार में जोश और उत्साह भर देने वाली होनी चाहिए।

प्रश्न  10.
कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (3 × 2 = 6)

(क) लक्ष्मण के अनुसार वीर क्या नहीं किया करते? ‘राम-लक्ष्मण परशुराम संवाद’ के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर:
लक्ष्मण ने परशुराम को वीरता का व्रत धारण करने वाले, धैर्यवान और अहंकार रहित बताते हुए कहा कि आप जैसे महान मुनि को अपशब्द बोलना शोभा नहीं देता। आप शूरवीर हैं। शूरवीर अपनी करनी युद्ध में दिखाते हैं, बातों से अपना वर्णन नहीं करते। शत्रु को युद्ध में उपस्थित पाकर अपने प्रताप की डींग मारने वाले कायर होते हैं।

(ख) कृष्ण के प्रति अपने अनन्य प्रेम को गोपियों ने किस प्रकार अभिव्यक्त किया है? ‘सूर के पद’ पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए ।
उत्तर:
कृष्ण के प्रति अपने अनन्य प्रेम को अभिव्यक्त करते हुए गोपियों ने कहा है कि

  1. वे श्रीकृष्ण के प्रेम में उसी प्रकार बँधी हुई हैं, जैसे चीटियाँ गुड़ पर चिपकी रहती हैं।
  2. उनके लिए श्रीकृष्ण तो हारिल पक्षी की लकड़ी के समान हैं, जिस प्रकार हारिल पक्षी अपने पैरों में दबाई लकड़ी को नहीं छोड़ता, ठीक उसी प्रकार उन्होंने मन, कर्म और वाणी से श्रीकृष्ण को अपने हृदय में बसाया हुआ है।
  3. उन्हें श्रीकृष्ण के प्रेम के स्थान पर योग का नाम सुनकर ऐसा लगता है, जैसे उनके मुँह में कड़वी ककड़ी चली गई है।

(ग) ‘संगतकार’ कविता में ‘मनुष्यता’ का क्या अभिप्राय है? संसार में इस प्रकार की मनुष्यता की क्या उपयोगिता है ?
उत्तर:
‘संगतकार’ कविता में ‘मनुष्यता’ का अभिप्राय संगतकार द्वारा किया गया त्याग व निःस्वार्थ साथ देकर मुख्य गायक को सफल बनाने में योगदान देने से है। इस प्रकार की निःस्वार्थ मनुष्यता के माध्यम से ही अनेक लोग जीवन में सफलता की सीढ़ी चढ़ते हैं। व अपने लक्ष्य की प्राप्ति करते हैं। निःस्वार्थ सहयोग एवं परोपकार के कारण ही कुछ लोग प्रसिद्ध व सफलता प्राप्त करते हैं।

(घ) ‘फसल’ कविता हमें उपभोक्ता संस्कृति के दौर में कृषि संस्कृति के निकट ले जाती है। स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
‘फसल’ कविता में कवि ने फसल को किसान एवं उसके परिवार का परिश्रम, मिट्टी का गुण-धर्म और अनेक नदियों के जल का परिणाम बताकर उपभोक्तावादी संस्कृति के दौर में किसान की भूमिका, फसलों के उत्पादन में कृषक के परिश्रम की महत्ता को उजागर करने एवं उसकी विशिष्टताओं को सामने लाने का प्रयास किया है। इसी कारण ही यह कविता हमें कृषि संस्कृति के निकट ले जाती है।

प्रश्न  11.
पूरक पाठ्यपुस्तक के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए । (4 × 2 = 8)

(क) वर्तमान समय में विज्ञान का दुरुपयोग दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। इसके कारण बहुत-सी समस्याओं ने जन्म ले लिया है। ‘मैं क्यों लिखता हूँ’ पाठ के आधार पर इन समस्याओं का उल्लेख कीजिए ।
उत्तर:
‘मैं क्यों लिखता हूँ?’ पाठ में विज्ञान के दुरुपयोग की चर्चा की गई है, जिसमें हिरोशिमा के बम विस्फोट का उदाहरण दिया गया है। वर्तमान समय में विज्ञान का दुरुपयोग कई प्रकार से बढ़ रहा है। आज इसके द्वारा आतंकवादी विश्वभर में बम विस्फोट कर रहे हैं। उदाहरणस्वरूप, अमेरिका की एक बहुमंजिली इमारत को तहस-नहस करना तथा मुंबई में हुए बम विस्फोट इत्यादि घटनाओं को लिया जा सकता है। आंतरिक रूप से एक राष्ट्र दूसरे राष्ट्र को आतंकित व भयभीत करने का प्रयास कर रहा है।

विज्ञान के ही कारण दिन-प्रतिदिन प्रदूषण बढ़ रहा है। विज्ञान के दुरुपयोग से कन्या-भ्रूण हत्याएँ हो रही हैं, जिससे जनसंख्या का संतुलन बिगड़ रहा है। किसान कीटनाशक और जहरीले रसायनों के माध्यम से फसलों का उत्पादन कर रहे हैं, जिससे लोगों का स्वास्थ्य खराब हो रहा है। ए. सी. तथा फ्रिज जैसे उपकरणों के कारण वातावरण में क्लोरोफ्लोरो कार्बन जैसी गैसों के उत्सर्जन से गर्मी बढ़ रही है, जिसके परिणामस्वरूप बर्फ पिघलने का खतरा बढ़ रहा है। भयंकर दुर्घटनाएँ दैनिक जीवन का हिस्सा बन गई हैं। साइबर क्राइम भी विज्ञान से जन्मी समस्या है।

(ख) लेखिका ने पहाड़ी श्रमिक महिलाओं के विषय में कहा है कि “कितना कम लेकर ये समाज को कितना अधिक वापस लौटा देती हैं’, ‘साना-साना हाथ जोड़ि’ पाठ के इस कथन के आधार पर राष्ट्र के विकास में मनुष्य की भूमिका का उल्लेख कीजिए ।
उत्तर:
लेखिका ने यह कथन उन पहाड़ी श्रमिक महिलाओं के विषय में कहा है, जो पीठ पर बँधी ‘डोको’ (बड़ी टोकरी) में अपने बच्चों को सँभालते हुए कठोर श्रम करती हैं। उसे लगता है, ये सुंदरियाँ बेकार सामग्री का सदुपयोग कर कितना कम लेकर समाज को बहुत अधिक लौटा देती हैं। यह बात हमारे देश की सामान्य जनता पर भी लागू होती है, जो श्रमिक कठोर परिश्रम करके सड़कों, पुलों, रेलवे लाइनों का निर्माण करते हैं, खेतों में अथक परिश्रम करके अन्न उपजाते हैं, उनके बदले में उन्हें बहुत कम मज़दूरी मिलती है, परंतु उनका श्रम देश की प्रगति में बहुत सहायक होता है। वे कम प्रतिदान पाकर भी देश के विकास में अधिक योगदान देते हैं।

(ग) माता-पिता का अपने बच्चों के प्रति प्रेम कई प्रकार से अभिव्यक्त होता है। ‘माता का अँचल’ पाठ में ऐसे बहुत-से मार्मिक प्रसंगों का वर्णन किया गया है। ऐसे ही कुछ मार्मिक प्रसंगों का उल्लेख कीजिए ।
उत्तर:
‘माता का अंचल’ पाठ में आए मार्मिक प्रसंग निम्नलिखित हैं

  1. पिताजी द्वारा अपनी नुकीली मूंछें भोलानाथ के कोमल गालों पर चुभाने पर भोलानाथ द्वारा झुंझलाकर उनकी मूँछें नोचने लग जाना।
  2. माँ द्वारा भोलानाथ को तोता, मैना, कबूतर, हंस, मोर आदि के बनावटी नाम से कौर बनाकर यह कहते हुए खिलाना कि ज़ल्दी खा लो, नहीं तो ये उड़ जाएँगे।
  3. चूहे के बिल में पानी डालने पर साँप का निकलना और माता पिता का भोलानाथ के प्रति चिंतित होना ।

खंड ‘घ’ (रचनात्मक लेखन) (20 अंक)

इस खंड में रचनात्मक लेखन पर आधारित प्रश्न पूछे गए हैं, जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।

प्रश्न  12.
निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए।

(क) स्वावलंबन
संकेत बिंदु

  • भूमिका
  • स्वावलंबन की महत्ता
  • स्वयं पर विश्वास की महत्ता

उत्तर:
स्वावलंबन
मानवीय जीवन में सफलता के शिखर तक पहुँचने हेतु स्वावलंबन को आवश्यक तत्त्व माना जाता है। परावलंबी व्यक्ति उस लता के समान होता है, जो न केवल पेड़ के सहारे ऊपर बढ़ती है, बल्कि वह परजीवी भी होती है। स्वावलंबन के अभाव में व्यक्ति किसी बड़े उद्देश्य को तो प्राप्त कर ही नहीं पाता, साथ ही वह अपने व्यक्तित्व की चमक भी पूर्ण रूप से खो देता है। स्वावलंबन के दो पहलू हैं – अपना कार्य स्वयं करना और आत्मनिश्चयी बनना। विश्व में जितने भी महापुरुष हुए हैं, सभी ने अपना मार्ग स्वयं निर्धारित कर सफलता प्राप्त की है। स्वामी विवेकानंद, ईश्वरचंद्र विद्यासागर, महात्मा गाँधी, बेंजामिन फ्रैंकलिन, नेपोलियन, अब्राहम लिंकन, न्यूटन आदि अनगिनत नाम हैं, जिनके व्यक्तित्व की एक महत्त्वपूर्ण विशेषता स्वावलंबन ही थी।

जो व्यक्ति अपनी शक्ति पर विश्वास रखकर अपने कार्य में अग्रसर नहीं होता है, उसकी पराजय निश्चित होती है। एक प्रसिद्ध कहावत है कि “पतन से भी बड़ा पतन यह है कि किसी को सबसे पहले स्वयं पर ही विश्वास न हो।” वास्तव में, स्वावलंबन ही जीवन है, जबकि परावलंबन मृत्यु के समान है। वास्तव में स्वावलंबन का अर्थ है- आत्मनिर्भरता । मनुष्य आत्मनिर्भर तभी हो सकता है जब उसमें आत्मविश्वास कूट-कूटकर भरा हुआ होगा। स्वावलंबी मनुष्य कभी भी किसी पर आश्रित नहीं रहता। ऐसा मनुष्य जीवन में आने वाले संकटों से कभी नहीं घबराता । वह अपने निर्णय स्वयं लेता है और अंततः एक दिन अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेता है। स्वावलंबी मनुष्य अपने कर्त्तव्य को भली-भाँति समझता है। वह कभी भी कर्त्तव्यविमुख नहीं होता। अतः स्वावलंबन मनुष्य के लिए एक महत्त्वपूर्ण गुण है, जिसे सभी को अपनाना चाहिए।

(ख) महानगरीय भीड़-भाड़ और मेट्रो

संकेत बिंदु

  • भूमिका
  • आवागमन का सुलभ साधन
  • महानगरों में मेट्रो के लाभ
  • महानगरीय जीवन हेतु सुखद साधन

उत्तर:
महानगरीय भीड़-भाड़ और मेट्रो
भीड़-भाड़ किसी भी महानगर की पहचान होती है। इसी भीड़ के लिए आवागमन के अनेक साधन होते हैं। आवागमन के जो भी आधुनिक साधन आविष्कृत होते हैं, वे सबसे पहले महानगरों में ही प्रचलित होते हैं। आज के भीड़-भाड़ वाले युग में मेट्रो आवागमन के सुलभ और आधुनिक साधनों में सबसे प्रमुख साधन है। यह अनेक देशों में एक अत्यंत लोकप्रिय सार्वजनिक प्रणाली है। महानगर के कोलाहल वाले वातावरण और भाग-दौड़ भरी व्यस्त जीवन शैली में मेट्रो में सुकून के दो पल मिल ही जाते हैं। महानगरीय जीवन में मेट्रो के अनेक लाभ हैं; जैसे— प्रदूषण के स्तर में कमी होना, सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आना, समय की बचत, ट्रैफिक जाम से बचाव, हर सूचना का स्क्रीन पर प्रदर्शित होना आदि ऐसे कई लाभ हैं, जो मेट्रो को आवागमन के लिए सुगम बनाते हैं।

आज भारत प्रगति की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। यदि हम किसी भी महानगर को देखते हैं, तो हमें उसकी प्रगति देखकर जितनी खुशी होती है, उतनी ही निराशा उसकी बढ़ती जनसंख्या, वाहनों की अत्यधिक वृद्धि, प्रदूषण की अधिकता आदि देखकर होती है। आज हमारे देश के महानगरों में तेजी से बढ़ती जनसंख्या हमें विनाश की ओर ले जा रही है । भारतवर्ष के महानगर में सबसे बड़ी समस्या जो हर किसी को झेलनी पड़ती है, वह ट्रैफिक जाम की है। इसी समस्या से निजात पाने के लिए मेट्रो सर्वाधिक सुखद साधन है। इसके साथ-साथ कई ऐसी समस्याएँ हैं, जिन पर मेट्रो ने विजय प्राप्त कर हमारे जीवन को अत्यंत सुखद बना दिया है। दिल्ली की समस्याओं के संदर्भ में और दिल्ली मेट्रो रेल की संभावनाओं के परिप्रेक्ष्य में कहा जा सकता है कि निःसंदेह इसने यहाँ के जीवन को काफी सहज कर दिया है। मेट्रो यहाँ की यातायात प्रणाली के लिए एक वरदान सिद्ध हुई है।

(ग). ग्लोबल वार्मिंग और जन-जीवन
संकेत बिंदु

  • भूमिका
  • जन-जीवन पर प्रभाव
  • बचाव

उत्तर:
ग्लोबल वार्मिंग और जन-जीवन
‘ग्लोबल वार्मिंग’ शब्द का अर्थ है- ‘संपूर्ण पृथ्वी के तापमान में वृद्धि होना’ वैश्विक तापमान अर्थात् ग्लोबल वार्मिंग जो आज विश्व की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है। इससे न केवल मनुष्य, बल्कि पृथ्वी पर रहने वाला प्रत्येक जीव त्रस्त है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण जन-जीवन खतरे में पड़ गया है। न केवल जन-जीवन अपितु पृथ्वी पर रहने वाले प्राणी, जीव, पेड़-पौधे सभी खतरे में हैं। ग्लोबल वार्मिंग के कारण तापमान में वृद्धि, अनिश्चित जलवायु की स्थिति और वायु तथा जल प्रदूषण में वृद्धि ने पृथ्वी पर जीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया है। बार-बार आती बाढ़, सूखे और चक्रवातों के परिणामस्वरूप लाखों लोग काल का ग्रास बन गए हैं तथा प्रदूषण के बढ़ते स्तर से कई स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न हो गई हैं। ग्लोबल वार्मिंग से जन-जीवन पर अत्यधिक बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

यदि समय रहते ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के उपाय नहीं किए गए, तो हमारी पृथ्वी पर जीवन समाप्त हो जाएगा। ग्लोबल वार्मिंग चिंता का विषय बन चुका है। अब समय आ गया है कि सम्पूर्ण मानव जाति इस विषय की ओर ध्यान दे तथा इसे गंभीरता से ले। इसे रोकने के लिए हमें प्रदूषण को कम करना होगा। कार्बन-डाइऑक्साइड सहित अन्य गैसों के उत्सर्जन में कमी करके वृक्षारोपण को बढ़ावा देना होगा, जिससे प्रकृति में पर्यावरण संबंधी संतुलन बना रहे। कार्बन उत्सर्जन में कमी से ग्लोबल वार्मिंग के परिणामों को कम किया जा सकता है, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता है, जिससे ग्लोबल वार्मिंग के दुष्परिणामों पर नियंत्रण किया जा सके।

प्रश्न  13.
आप साक्षी तँवर हैं। दिल्ली में सड़क दुर्घटनाएँ प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। इस संदर्भ में दैनिक जागरण, दिल्ली रोड के संपादक को सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सुझाव देते हुए लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए | (5)
अथवा
आप रौनक सिंह हैं। आप छात्रावास में रहते हैं। अपने छोटे भाई को व्यायाम के प्रति जागरूक करने के लिए व्यायाम का महत्त्व समझाते हुए लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए ।
उत्तर:
परीक्षा भवन,
दिल्ली।
दिनांक 20 अप्रैल, 20XX

सेवा में,.
संपादक महोदय,
दैनिक जागरण,
दिल्ली रोड,
दिल्ली।

विषय सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के संदर्भ में।

महोदय,

मैं आपके लोकप्रिय समाचार पत्र के माध्यम से सरकार और समाज का ध्यान बढ़ती हुई सड़क दुर्घटनाओं की ओर आकर्षित करना चाहती हूँ। आशा है कि आप इसे जनहित में अवश्य प्रकाशित करेंगे। इन दिनों दिल्ली में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ गई है। वाहन चालक यातायात के नियमों का उल्लंघन करते हैं। उन्हें रोकने-टोकने वाला कोई नहीं है।

दुर्घटनाओं को रोकने के संबंध में मैं निम्नलिखित सुझाव देना चाहती हूँ

  1. प्रातः 8 से 12 बजे तक व सायं 5 से 8 बजे तक सभी व्यस्त चौराहों पर यातायात पुलिस के सिपाही उपस्थित रहें व नियम का उल्लंघन करने वालों का चालान काटें।
  2. चलते हुए वाहन में मोबाइल से बात करने वालों का तुरंत चालान काट देना चाहिए। ऐसा एक से अधिक बार होने पर चालक का ड्राइविंग लाइसेंस जब्त कर लिया जाना चाहिए।
  3. जनता को निर्धारित गति सीमा में ही अपने वाहन चलाने चाहिए।
  4. ऐसे वाहन चालकों को पुरस्कृत किया जाना चाहिए, जो अपने वाहन को निर्धारित गति सीमा में चलाते हों तथा किसी प्रकार के नियम का उल्लंघन न करते हों ।
  5. जनता से ऐसे वाहन चालकों के वाहन नंबर नोट करके पुलिस को देने की अपील करनी चाहिए, जो सड़क पर वाहन चलाते समय नियमों का उल्लंघन करते हों।

आशा करती हूँ कि आप शीघ्र ही इस ओर ध्यान देंगे और हमें सड़क दुर्घटनाओं में कमी देखने को मिलेगी ।

धन्यवाद !

भवदीया
साक्षी तँवर

अथवा

परीक्षा भवन,
दिल्ली।
दिनांक 25 अक्टूबर, 20XX
प्रिय अनुज,

स्नेह।

मैं यहाँ कुशलतापूर्वक हूँ। आशा करता हूँ कि तुम भी कुशल होंगे। तुम्हारी पढ़ाई भी ठीक चल रही होगी। मुझे तुम्हारे स्वास्थ्य की चिंता लगी रहती है। तुम दवाइयाँ तो बहुत खाते हो, किंतु व्यायाम की ओर थोड़ा भी ध्यान नहीं देते।

मेरे अनुसार व्यायाम का महत्त्व पढ़ाई से कम नहीं है। यदि तुम्हारा शरीर स्वस्थ रहेगा, तो तुम्हें अपनी पढ़ाई में और भी आनंद आएगा ।अस्वस्थ व्यक्ति के जीवन में कोई रस नहीं रहता। यदि तुम पढ़ाई में शिखर पर रहना चाहते हो, तो इसके लिए व्यायाम तुम्हारी सहायता करेगा। यदि तुम मात्र दो सप्ताह व्यायाम कर लो, तो तुम्हें अपने स्वास्थ्य में अंतर स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगेगा।

आशा है कि तुम मेरे सुझाव को मानोगे तथा व्यायाम के महत्त्व पर ध्यान दोगे।

तुम्हारा भाई
रौनक सिंह

प्रश्न  14.
आप वैभवी शुक्ला हैं। आप एम.बी.बी.एस. कर चुकी हैं। आपको महिला चिकित्सालय में चिकित्सक के पद हेतु आवेदन करना है। इसके लिए आप अपना एक संक्षिप्त स्ववृत्त (बायोडाटा) लगभग 80 शब्दों में तैयार कीजिए | (5)
अथवा
आप मयंक शर्मा हैं। आपका लैंडलाइन फोन खराब हो गया है। भारत संचार निगम को खराब फोन की मरम्मत के लिए शिकायत करते हुए लगभग 80 शब्दों में एक ई-मेल लिखिए ।
उत्तर:
स्ववृत्त

नाम : डॉ. वैभवी शुक्ला
पिता का नाम : डॉ. राकेश शुक्ला
माता का नाम : श्रीमती प्रीति शुक्ला
जन्म तिथि : 1 फरवरी, 19XX
वर्तमान पता : सी – 52, सेक्टर सात चित्रकूट कॉलोनी, जयपुर
स्थायी पता : उपर्युक्त
दूरभाष नंबर : 0141-92398XX
मोबाइल नंबर : 9753XXXXXX
ई-मेल : 05vaibhavi@gmail.com

अन्य संबंधित योग्यताएँ

  • फोर्टीज अस्पताल में रेजीडेंट के पद पर 3 वर्ष के लिए कार्यरत् (2018-2020), वर्तमान में एपेक्स अस्पताल में कार्यरत्
  • स्वास्थ्य संबंधी कैंपों में प्रतिभागिता व ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य संबंधी मार्गदर्शन
  • विज्ञान प्रदर्शनी में सक्रिय भागीदारी

उपलब्धियाँ

  • विज्ञान क्विज विद्यालय स्तर प्रथम पुरस्कार (2007)
  • अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान प्रतियोगिता (क्लीवलैंड में आयोजित) द्वितीय पुरस्कार (2009)

कार्येतर गतिविधियाँ तथा अभिरुचियाँ

  • स्वास्थ्य संबंधी पत्रिकाओं का नियमित पठन
  • स्वास्थ्य संबंधी कैंपों का आयोजन व उनमें सक्रिय भागीदारी
  • स्वास्थ्य संबंधी कार्यशालाओं में भाग लेकर जन-सामान्य का मार्गदर्शन

संदर्भित व्यक्तियों का विवरण

  • डॉ. महावीर प्रसाद जैन, एसोसिएट प्रोफेसर एस.एम.एस. मेडिकल कॉलेज, जयपुर।
  • डॉ. सुशीला, वरिष्ठ डॉक्टर (प्रसूति विभाग)
  • फोर्टीज हॉस्पिटल, जयपुर।

उद्घोषणा मैं यह पुष्टि करती हूँ कि मेरे द्वारा दी गई उपर्युक्त सभी जानकारी पूर्ण रूप से सत्य हैं।

तिथी 7.10.20XX
स्थान जयपुर
हस्ताक्षर
(डॉ. वैभवी शुक्ला)

अथवा

From : mayanksharma@gmail.com
To. : Bharatsanchar@gmail.com
CC : abc@gmail.com
BCC : pgr@gmail.com

विषय खराब टेलीफोन की मरम्मत हेतु ।

महोदय,

मेरा टेलीफोन नं. 0141-23104XX पिछले एक सप्ताह से खराब पड़ा है। एक सप्ताह में चार बार इसकी शिकायत दर्ज करवाई गई है, किंतु भारत संचार निगम लिमिटेड (बी. एस. एन. एल. ) का कोई कर्मचारी अभी तक इसे ठीक करने के लिए नहीं आया है। फोन खराब होने के कारण मुझे कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

अत: आपसे निवेदन है कि मेरे उक्त नंबर के टेलीफोन को शीघ्रातिशीघ्र ठीक करने हेतु अपने कर्मचारियों को त्वरित आदेश दें।

धन्यवाद ।

भवदीय,
मयंक शर्मा

प्रश्न  15.
आप प्रियन श्रीवास्तव हैं। शहरों में प्रदूषण दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। आप पर्यावरण विभाग की ओर से स्थानीय समाचार पत्र में विज्ञापन देना चाहते हैं। आप इसके लिए लगभग 40 शब्दों में एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए । (4)
अथवा
आप चारू सैन हैं। हिंदी दिवस के अवसर पर शुभकामना देते हुए लगभग 40 शब्दों में शुभकामना संदेश लिखिए।

अथवा

हिंदी दिवस के लिए शुभकामना संदेश
“निज भाषा उन्नति है, सब उन्नति को मूल”

दिनांक 14 सितंबर, 20XX
समय प्रातः 9:00 बजे

आप सभी देशवासियों को हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ। हिंदी हमारी संस्कृति की पहचान है तथा राष्ट्रीय चेतना की भाषा है। हिंदी भाषा के प्रति सम्मान को बनाए रखें तथा हिंदी भाषा का अधिक-से-अधिक प्रयोग करें, जिससे राष्ट्र का गौरव सदैव बना रहे। किसी भी राष्ट्र की पहचान उसकी भाषा होती है। हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है और हमें राष्ट्रभाषा का प्रयोग करने पर गर्व का अनुभव होना चाहिए। इसलिए हमें हिंदी का प्रयोग कर भारत की पहचान को बुलंदियों तक पहुँचाना चाहिए।

चारू सैन
(हिंदी अध्यक्ष)

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CBSE 10th result 2025 link to be activated soon, Steps to download and Live Updates CBSE 10th result 2025 will soon be activated and available on the official website. Students on this page can check the live updates for the result, and also check how and where to download the class 10 cbse result. By - Ridhima Jindal Read More >
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28th April, 2025 , 1 min read

CBSE Class 10th Result OUT @cbse.nic.in Soon. Steps to download and link here The CBSE class 10th results are expected to be out on 2nd May 2025. While there can be a change in dates, there is no official notice. Read the news to download your CBSE result. By - Ridhima Jindal Read More >
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26th April, 2025 , 2 min read

UP Board Class 10 Success Story: Nandram Writes Exam with Lips, Defeats All Odds Despite his disability, Nandram wrote an inspirational chapter about perseverance and self-belief. By - Prateek Tomar Read More >
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14th April, 2025 , 2 min read

CBSE 10th Result 2025: Didn't Do Well in Exams? Here's What to Do Next Worried about your CBSE 10th results in 2025? If your exams didn’t go well, here are some practical steps and options to help you move forward. By - Akansha Read More >
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06th April, 2025 , 2 min read

CBSE Class 10 Result 2025 Expected Soon: Steps to Check and Download The Central Board of Secondary Education (CBSE) is expected to release the Class 10 results for 2025 in mid-May. Students can check their results online using their roll number, school number, date of birth, and admit card ID. By - Nawal Read More >
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01st April, 2025 , 1 min read

CBSE Board Class 10 Results 2025 Date: Class 10th exams over; when CBSE will declare Class 10 Results 2025; Check previous year trend; Details below CBSE Board Class 10 Results 2025 Date: Class 10th exams over; when CBSE will declare Class 10 Results 2025; Check previous year trend; Details below By - Prateek Tomar Read More >
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18th March, 2025 , 2 min read

CBSE Class 10 Result 2025 Likely to be Released on this Date, Check Details The CBSE Class 10 result 2025 is tentative to be released by 20th May 2025. Students can access the result by visiting the board's official websites (cbse.gov.in or results.cbse.nic.in). Read this news to know more details. By - Akansha Read More >
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18th March, 2025 , 2 min read

CBSE Board Exam 2025 Class 10: IT, AI, Computer Applications, paper ends; answer key, analysis and latest updates; Check below The CBSE Class 10 computer applications (CS), information and technology (IT), and artificial intelligence (AI) was conducted at 1:30pm today. In a single shift, the CBSE conducted the Class 10 CS, AI, and IT 2025 exams between 10:30 AM and 1:30 PM. By - Prateek Tomar Read More >
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10th March, 2025 , 1 min read

CBSE Class 10 Maths Board Exam 2025: Paper Analysis, Answer Key PDF Soon The CBSE Class 10 Maths Board Exam 2025 started at 10:30 am on 10th March 2025 for both Basic and Standard Mathematics. According to the exam timings the paper was conducted for 3 hours and ended at 1:30pm. Know more details here. By - Akansha Read More >
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26th February, 2025 , 2 min read

CBSE 10th Social Science Board Exam 2025: Teachers and Students Opinion The CBSE Class 10 Social Science Board Exam 2025 has concluded on 25th February 2025. To know what students and teachers had to say about the paper scroll through this article. By - Akansha Read More >
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16th February, 2025 , 3 min read

CBSE Board Exam 2025: Class 10 English Question Paper Analysis The CBSE Class 10 English Board Exam 2025 was conducted on 15th February 2025. Students can get the analysis of CBSE 10th English Question Paper Here! By - Akansha Read More >
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02nd August, 2024 , 2 min read

CBSE Compartment Result 2024 LIVE Updates: Check CBSE Class 10, 12 Supplementary Results CBSE compartment result 2024 for class 10 and class 12 students will be announced online. The supplementary results are expected in the first week of August 2024. By - Ranjan Read More >
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