CBSE 10th Sample Paper Hindi A Set 10 With Solutions

Central Board of Secondary Education 10th Boards

Akansha
Akansha

Students can check out the CBSE 10th Sample Paper Hindi A Set 10 With Solutions available below. Students are also advised to go through the CBSE Class 10 Hindi Exam Pattern to understand the upcoming examination better.

 

समय: 3 घंटे
पूर्णांक : 80

सामान्य निर्देश

  1.  इस प्रश्न-पत्र में कुल 15 प्रश्न हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  2. इस प्रश्न- पत्र में कुल चार खंड हैं- क, ख, ग, घ ।
  3. खंड-क में कुल 2 प्रश्न हैं, जिनमें उप – प्रश्नों की संख्या 10 है।
  4. खंड-ख में कुल 4 प्रश्न हैं, जिनमें उप- प्रश्नों की संख्या 20 है । दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 16 उप- प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
  5. खंड-ग में कुल 5 प्रश्न हैं, जिनमें उप- प्रश्नों की संख्या 20 है।
  6. खंड-घ में कुल 4 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं।
  7. प्रश्नों के उत्तर दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए लिखिए ।

खंड ‘क’ (अपठित बोध) (14 अंक)

इस खंड में अपठित गद्यांश व काव्यांश से संबंधित तीन बहुविकल्पीय (1 × 3 = 3) और दो अतिलघूत्तरात्मक व लघूत्तरात्मक (2 × 2 = 4) प्रश्न दिए गए हैं।

प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए । (7)

हम एक ऐसे युग में जी रहे हैं, जहाँ एक तरफ भौतिक समृद्धि अपनी ऊँचाई पर है, तो दूसरी तरफ चारित्रिक पतन की गहराई है। आधुनिकीकरण में उलझा मानव सफलता की नित नई परिभाषाएँ खोजता रहता है और अपनी अंतहीन इच्छाओं के रेगिस्तान में भटकता रहता है। ऐसे समय में सच्ची सफलता और सुख-शांति की प्यास से व्याकुल व्यक्ति अनेक मानसिक रोगों का शिकार बनता जा रहा है। हममें से कितने लोगों को इस बात का ज्ञान है कि जीवन में सफलता प्राप्त करना और सफल जीवन जीना, यह दोनों दो अलग-अलग बातें हैं।

यह जरूरी नहीं कि जिसने अपने जीवन में साधारण कामनाओं को हासिल कर लिया हो, वह पूर्णत: संतुष्ट और प्रसन्न भी हो । अतः हमें गंभीरतापूर्वक इस बात को समझना चाहिए कि इच्छित फल को प्राप्त कर लेना ही सफलता नहीं है। जब तक हम अपने जीवन में नैतिक व आध्यात्मिक मूल्यों का सिंचन नहीं करेंगे, तब तक यथार्थ सफलता पाना हमारे लिए मुश्किल ही नहीं, अपितु असंभव कार्य हो जाएगा, क्योंकि बिना मूल्यों के प्राप्त सफलता केवल क्षणभंगुर सुख के समान रहती है। यदि आप असफलता से निराश हो चुके हैं और ऐसा सोच रहे हैं कि सब कुछ यहीं खत्म हो गया तो आपको सफल व्यक्तियों के बारे में पढ़ना चाहिए। निराश और उत्साहहीन करने वाले हर विचार हमें पीछे की ओर धकेलते हैं।

निराश हो जाना अथवा हिम्मत हारकर उत्साहहीन होकर बैठ जाना स्वयं के प्रति एक अपराध है। हमें अपने-आप में स्फूर्ति तथा मन में उत्साह भरते हुए स्वयं पर विश्वास करना चाहिए। कुछ निराशावादी लोगों का कहना है कि हम सफल नहीं हो सकते, क्योंकि हमारी तकदीर या परिस्थितियाँ ही ऐसी हैं, परंतु यदि हम अपना ध्येय निश्चित करके उसे अपने मन में बिठा लें तो फिर सफलता स्वयं हमारी ओर चलकर आएगी। सफल होना हर मनुष्य का जन्मसिद्ध अधिकार है, परंतु यदि हम अपनी विफलताओं के बारे में ही सोचते रहेंगे, तो सफलता को कभी हासिल नहीं कर पाएँगे। अतः विफलताओं की चिंता न करें, क्योंकि वे तो हमारे जीवन का सौंदर्य हैं और संघर्ष जीवन का काव्य है। कई बार प्रथम आघात में पत्थर नहीं टूट पाता, उसे तोड़ने के लिए कई आघात करने पड़ते हैं, इसलिए सदैव अपने लक्ष्य को सामने रख आगे बढ़ने की जरूरत है। कहा भी गया है कि जीवन में सकारात्मक कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती ।

(क) कथन (A) मनुष्य मानसिक रोगों का शिकार होता जा रहा है।
कारण (R) मनुष्य अपने कार्य से असंतुष्ट रहता है।
(i) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है ।
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों गलत हैं।
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, परंतु कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है ।
उत्तर:
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है। मनुष्य असंतुष्ट होने के कारण मानसिक रोगों का शिकार होता जा रहा है। अतः विकल्प सही (iii) है।

(ख) “विफलताओं की चिंता नहीं करनी चाहिए ।” प्रस्तुत कथन पढ़कर सही विकल्प का चयन कीजिए |
1. क्योंकि उनका लगातार चिंतन करने से सफलता कभी हासिल नहीं होगी।
2. क्योंकि विफलताएँ हमारे जीवन का सौंदर्य हैं।
3. क्योंकि विफल होना अपराध है।
4. क्योंकि विफलताएँ पथभ्रष्ट करती हैं।
कूट
(i) केवल 1 सही है
(ii) 1 और 2 सही हैं
(iii) 2 और 3 सही हैं
(iv) 3 और 4 सही हैं
उत्तर:
(ii) 1 और 2 सही हैं। गद्यांश के अनुसार, हमें विफलताओं की चिंता नहीं करनी चाहिए, क्योंकि वे हमारे जीवन का सौंदर्य होती हैं तथा उनका लगातार चिंतन करने से कभी सफलता नहीं मिलती।

(ग) नीचे दिए गए कॉलम 1 को कॉलम 2 से सुमेलित कर सही विकल्प का चयन कीजिए (1)
(i) 1 – (iii), 2 – (i), 3 – (ii)
(ii) 1 – (ii), 2 – (iii), 3 – (i)
(iii) 1 – (i), 2 – (ii), 3 – (iii)
(iv) 1 – (i), 2 – (iii), 3 – (ii)
उत्तर:
(i) 1-(iii), 2- (i), 3- (ii) आधुनिक युग के मनुष्य अंतहीन इच्छाओं में भटकता है। बिना मूल्यों से प्राप्त सफलता क्षणभंगुर
सुख के समान है। सफल होना मनुष्य का जन्मसिद्ध अधिकार है।

(घ) ‘इच्छित फल को प्राप्त कर लेना ही सफलता नहीं है।’ प्रस्तुत पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
प्रस्तुत पंक्ति से आशय यह है कि मनुष्य को अपनी इच्छाओं व कामनाओं को प्राप्त करना ही सफलता नहीं है, क्योंकि नैतिक व आध्यात्मिक मूल्यों के बिना यथार्थ सफलता को प्राप्त नहीं किया जा सकता और ऐसी सफलता क्षणभंगुर सुख ही प्रदान करती है।

(ङ) हमें अपने जीवन में कैसा लक्ष्य रखना चाहिए?
उत्तर:
हमें अपने जीवन में सदैव सकारात्मक कोशिश करते हुए अपने लक्ष्य को समक्ष रखना चाहिए। हमें विफलताओं की चिंता नहीं करनी चाहिए, क्योंकि वे हमारे जीवन का सौन्दर्य हैं और संघर्ष जीवन का काव्य है। इसलिए हमें अपने लक्ष्य के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित काव्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए । (7)

विचार लो कि मर्त्य हो न मृत्यु से डरो कभी,
मंरो, परंतु यों मरो कि याद जो करें सभी ।
हुई न यों सु-मृत्यु तो वृथा मरे, वृथा जिए,
मरा नहीं वही कि जो जिया न आपके लिए।
वही पशु प्रवृत्ति है कि आप आप ही चरे,
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे ||
उसी उदार की कथा सरस्वती बखानती,
उसी उदार से धरा कृतार्थ भाव मानती।
उसी उदार की सदा सजीव कीर्ति कूजती,

तथा उसी उदार को समस्त सृष्टि पूजती ।
अखंड आत्मभाव जो असीम विश्व में भरे,
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे ||
क्षुधार्थ रंतिदेव ने दिया करस्थ थाल भी,
तथा दधीचि ने दिया परार्थ अस्थिजाल भी ।
उशीनर शिवि ने स्वमांस दान भी किया,
सहर्ष वीर कर्ण ने शरीर – चर्म भी दिया।
अनित्य देह के लिए अनादि जीव क्यों डरे ?
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे ||

(क) प्रस्तुत कविता का केंद्रीय भाव यह है कि ………….
(i) अपने स्वार्थ की पूर्ति हेतु कार्य करने चाहिए।
(ii) मनुष्य को हमेशा परोपकार के कार्य करते रहना चाहिए ।
(iii) जरूरतमंदों के लिए सहानुभूति का भाव नहीं रखना चाहिए।
(iv) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(ii) मनुष्य को हमेशा परोपकार के कार्य करते रहना चाहिए । प्रस्तुत काव्यांश के माध्यम से कवि कहना चाहता है कि मनुष्य . को हमेशा परोपकार के कार्य करते रहना चाहिए। परोपकारी मनुष्य का यश हमेशा बना रहता है।

(ख) ‘वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे ‘ पंक्ति का उचित विकल्प है
1. वास्तविक मनुष्य वही है, जो अपने लिए जीता है
2. वास्तविक मनुष्य वही है, जो दूसरों के लिए जीता है
3. वास्तविक मनुष्य वही है, जो केवल अपने स्वार्थ सिद्ध करता है
4. वास्तविक मनुष्य वही है, जो भौतिक वस्तुओं की चाह रखता है कूट
(i) कथन 1 और 2 सही हैं।
(ii) केवल कथन 2 सही है।
(iii) केवल कथन 3 सही है।
(iv) कथन 3 और 4 सही हैं।
उत्तर:
(ii) केवल कथन 2 सही है। प्रस्तुत पंक्ति का अर्थ है कि वास्तविक मनुष्य वही होता है, जो दूसरों की चिंता करता है, उनके काम आता है तथा उनके लिए जीता है।

(ग) कथन (A) महापुरुषों को आज भी याद किया जाता है।
कारण (R) महान व्यक्तियों ने अपना पूरा जीवन दूसरों के लिए त्याग दिया।
(i) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है ।
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों गलत हैं।
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, परंतु कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
उत्तर:
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है। महापुरुषों को आज भी याद किया जाता है, क्योंकि उन्होंने अपना पूरा जीवन दूसरों के लिए त्याग दिया।

(घ) ‘उदार की कथा सरस्वती बखानती’ पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
काव्यांश में बताया गया है कि जो व्यक्ति दूसरों के लिए परोपकार की भावना रखता है तथा समय पड़ने पर उनकी सहायता करता है, ऐसे उदार व्यक्तियों की कथा स्वयं सरस्वती खाती हैं।

(ङ) कवि ने दधीचि, कर्ण आदि महान व्यक्तियों के उदाहरण से क्या संदेश दिया है?
उत्तर:
कवि ने दधीचि, कर्ण आदि महान व्यक्तियों का उदाहरण देकर त्याग और बलिदान का संदेश दिया है। उन्होंने अपना पूरा जीवन दूसरों के लिए त्याग दिया तथा अपना सर्वस्व उनकी सेवा में न्योछावर कर दिया।

खंड ‘ख’ (व्यावहारिक व्याकरण) (16 अंक)

व्याकरण के लिए निर्धारित विषयों पर अतिलघूत्तरात्मक व लघूत्तरात्मक 20 प्रश्न दिए गए हैं, जिनमें से केवल 16 प्रश्नों (1 × 16 = 16) के उत्तर देने हैं।

प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)

(क) ‘नेताजी का भाषण समाप्त होने पर लोग घर को चले गए।’ इसे संयुक्त वाक्य में परिवर्तित कीजिए ।
उत्तर:
नेताजी का भाषण समाप्त हुआ और लोग घर चले गए ।

(ख) ‘हम लोगों को दर्शन करने थे, इसलिए हम मंदिर गए।’ इसे मिश्रित वाक्य में परिवर्तित कीजिए ।
उत्तर:
हम लोग मंदिर इसलिए गए, क्योंकि हम लोगों को दर्शन करने थे।

(ग) “मुहर्रम के दिनों में न तो कोई शहनाई बजाता है और न ही किसी संगीत कार्यक्रम में शिरकत करता है।” इसे सरल वाक्य में परिवर्तित कीजिए।
उत्तर:
मुहर्रम के दिनों में कोई शहनाई और संगीत कार्यक्रम में शिरकत नहीं करता है।

(घ) ‘उसने कहा कि वह बहुत बुद्धिमान है।’ रचना के आधार पर वाक्य भेद बताइए ।
उत्तर:
प्रस्तुत वाक्य में मिश्रित / मिश्र वाक्य है।

(ङ) घंटी बजी, छात्र पुस्तकें लेकर कक्षा से बाहर निकले। छात्र घर चले गए। इसे संयुक्त वाक्य में परिवर्तित कीजिए ।
उत्तर:
घंटी बजी और छात्र पुस्तकें लेकर कक्षा से बाहर निकलकर घर चले गए।

प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘वाच्य’ पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए । (1 × 4 = 4)

(क) ‘सुसंस्कृत व्यक्ति द्वारा नई चीज की खोज की जाती है।’ वाच्य का प्रकार बताइए ।
उत्तर:
प्रस्तुत वाक्य कर्मवाच्य है।

(ख) ‘मुझसे यह किताब नहीं पढ़ी जा सकेगी । वाच्य का प्रकार बताइए |
उत्तर:
प्रस्तुत वाक्य भाववाच्य है।

(ग) दुकानदार द्वारा उचित मूल्य लिया गया।’ इसे कर्तृवाच्य में परिवर्तित कीजिए ।
उत्तर:
दुकानदार ने उचित मूल्य लिया ।

(घ) ‘हम गा नहीं सकते।’ इसे भाववाच्य में परिवर्तित कीजिए ।
उत्तर:
हमसे गाया नहीं जा सकता ।

(ङ) ‘मजदूरों ने दो वर्ष में यह पुल तैयार किया।’ इसे कर्मवाच्य में परिवर्तित कीजिए ।
उत्तर:
मजदूरों द्वारा दो वर्ष में यह पुल तैयार किया गया।

प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘पद परिचय’ पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)

निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित पदों का पद परिचय लिखिए ।

(क) वह विश्वास के योग्य नहीं है।
उत्तर:
के योग्य संबंधबोधक अव्यय, संबंधी शब्द ‘वह’ और ‘विश्वास’

(ख) हम सभी बाहर जा रहे हैं।
उत्तर:
हम पुरुषवाचक सर्वनाम, कर्ता कारक, पुल्लिंग, बहुवचन, ‘जा रहे हैं’ क्रिया का कर्ता

(ग) इसके चलते ही मैं दो-एक बार उनके कोप से बच गई थी ।
उत्तर:
उनके सार्वनामिक विशेषण, पुल्लिंग, विशेष्य ‘कोप’

(घ) अचानक वर्षा होने लगी।
उत्तर:
अचानक रीतिवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया ‘होने लगी’

(ङ) वह बहुत सुंदर लड़की है। यहाँ तो बहुत पानी फैला है।
उत्तर:
पहला बहुत – प्रविशेषण, दूसरा बहुत – अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण

प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए । (1 × 4 = 4)

(क) ‘द्विजदेवता धरहि के बाढ़े’ रेखांकित काव्य पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?
उत्तर:
प्रस्तुत काव्य पंक्ति ‘द्विजदेवता’ में रूपक अलंकार है । यहाँ ब्राह्मण देवता है अर्थात् उपमेय पर उपमान का अभेद आरोपण है, इसलिए यहाँ रूपक अलंकार है ।

(ख) ‘कर कमल-सा कोमल है।’ प्रस्तुत पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार कौन-सा है ?
उत्तर:
प्रस्तुत पंक्ति में कर उपमेय है, कमल – उपमान है कोमल-साधरण धर्म है तथा सा – वाचक शब्द है, इसलिए यहाँ उपमा अलंकार है ।

(ग) ‘ले चला साथ मैं तुझे कनक ।
ज्यों भिक्षुक लेकर स्वर्ण ।।
इन काव्य पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार का नाम लिखिए |
उत्तर:
प्रस्तुत पंक्तियों में कनक का अर्थ धतूरा है । कवि कहता है कि वह धतूरे को ऐसे ले चला मानों कोई भिक्षुक सोना ले जा रहा हो। इसमें ज्यों शब्द का अर्थ प्रयोग हुआ है एवं कनक-उपमेय में तथा स्वर्ण उपमान के होने की कल्पना हो रही है। इसके कारण यहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार है ।

(घ) ‘देख लो साकेत नगरी है यही,
स्वर्ग से मिलने गगन में जा रही ।’
इन काव्य पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार का नाम लिखिए।
उत्तर:
यहाँ साकेत नगरी का वर्णन बढ़ा-चढ़ाकर किया गया है। अतः यहाँ अतिशयोक्ति अलंकार है ।

(ङ) ‘फाग गाता मास फागुन हैं कई पतर किनारे पी रहे चुप-चाप पक्षी, प्यास जाने कब बुझेगी ।’
इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार का नाम लिखिए ।
उत्तर:
यहाँ फागुन मास को फाग गाता हुआ तथा पत्थरों को पानी पीते दिखाया गया है। अतः जड़ वस्तुओं में मानवीय क्रियाओं के आरोप के कारण यहाँ मानवीकरण अलंकार है ।

खंड ‘ग’ (पाठ्यपुस्तक एवं पूरक पाठ्यपुस्तक) (30 अंक)

इस खंड में पाठ्यपुस्तक एवं पूरक पाठ्यपुस्तक से प्रश्न पूछे गए हैं, जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)

आसाढ़ की रिमझिम है। समूचा गाँव खेतों में उतर पड़ा है। कहीं हल चल रहे हैं, कहीं रोपनी हो रही है। धान के पानी-भरे खेतों में बच्चे उछल रहे हैं। औरतें कलेवा लेकर मेंड़ पर बैठी हैं। आसमान बादल से घिरा, धूप का नाम नहीं है, ठंडी पुरवाई चल रही है। ऐसे ही समय आपके कानों में एक स्वर – तरंग झंकार – सी कर उठी। यह क्या है ? यह कौन है? यह पूछना न पड़ेगा। बालगोबिन भगत समूचा शरीर कीचड़ में लिथड़े, अपने खेत में रोपनी कर रहे हैं। उनकी अँगुली एक-एक धान के पौधे को पंक्तिबद्ध, खेत में बिठा रही है। उनका कंठ एक-एक शब्द को संगीत के जीने पर चढ़ाकर कुछ को ऊपर स्वर्ग की ओर भेज रहा है और कुछ को इस पृथ्वी की मिट्टी पर खड़े लोगों के कानों की ओर। बच्चे खेलते हुए झूम उठते हैं, मेंड़ पर खड़ी औरतों के होंठ काँप उठते हैं, वे गुनगुनाने लगती हैं, हलवाहों के पैर ताल से उठने लगते हैं, रोपनी करने वालों की अँगुलियाँ एक अजीब क्रम से चलने लगती हैं। बालगोबिन भगत का यह संगीत है या जादू।

(क) गद्यांश के आधार पर बताइए कि भगत के संगीत के जादू का प्रभाव किस पर और क्या पड़ता है?
(i) हलवाहों के पैर उनके संगीत की लय पर उठने लगते हैं
(ii) बच्चे खेलते हुए झूमने लगते हैं
(iii) मेंड़ पर खड़ी औरतों के होंठ काँप उठते हैं
(iv) ये सभी
उत्तर:
(iv) ये सभी भगत के संगीत के जादू के प्रभाव से हलवाहों के पैर उनके संगीत की लय पर उठने लगते हैं, खेलते हुए बच्चे झूमने लगते हैं और मेंड़ पर खड़ी औरतों के होंठ काँप उठते हैं। इस प्रकार, बालगोबिन भगत का संगीत संपूर्ण वातावरण को मुग्ध कर देता है।

(ख) गद्यांश के अनुसार बालगोबिन भगत इस समय क्या कार्य कर रहे हैं?
(i) मेंड़ पर बैठकर गीत गा रहे हैं।
(iii) अपने खेत में पानी दे रहे हैं।
(ii) अपने खेत में धान की रोपनी कर रहे हैं
(iv) अपने खेत में हल चला रहे हैं।
उत्तर:
(ii) अपने खेत में धान की रोपनी कर रहे हैं गद्यांश के अनुसार बालगोबिन भगत इस समय अपने खेत में धान की रोपनी कर रहे हैं। वे कीचड़ में लथपथ हैं।

(ग) बालगोबिन भगत के संगीत की विशेषता है, कथन के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए
1. उनका संगीत लय-तालबद्ध नहीं है
2. उनका संगीत सामान्यजन को प्रभावित नहीं कर पाता
3. उनका संगीत प्रत्येक व्यक्ति को रोमांचित व मुग्ध कर देता है
4. उनके संगीत में मन को हरने की शक्ति नहीं है
कूट
(i) कथन 1 और 2 सही हैं।
(ii) कथन 3 और 4 सही हैं।
(iii) केवल कथन 3 सही है।
(iv) केवल कथन 2 सही है।
उत्तर:
(iii) केवल कथन 3 सही है। बालगोबिन भगत का संगीत प्रत्येक व्यक्ति को रोमांचित व मुग्ध कर देता है, जिसके कारण वह व्यक्ति भगत के संगीत की ताल पर ही अपना कार्य करने लगता है।

(घ) भगत अपने संगीत का प्रभाव बढ़ाने के लिए क्या करते थे?
(i) स्वर को ऊँचा करते थे
(ii) स्वर को नीचा करते थे
(iii) स्वर को ऊँचा – नीचा करते थे
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(iii) स्वर को ऊँचा नीचा करते थे भगत अपने संगीत का प्रभाव बढ़ाने के लिए स्वर को कभी ऊँचा करते व कभी नीचा करते थे।

(ङ) कथन (A) बालगोबिन भगत के संगीत में जादू था ।
कारण (R) बालगोबिन भगत कीचड़ में लिथडे रोपनी करते हैं।
(i) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(ii) कथन (A) सही हैं, किंतु कारण (R) गलत है।
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या है।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, परंतु कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर:
(iv) कथन (A) और कारण (R) सही हैं, परंतु कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है। बालगोबिन भगत कीचड़ में लिथड़े खेतों में रोपनी करते हैं और साथ ही संगीत साधना भी करते हैं। उनके संगीत को सुनकर सभी मुग्ध हो जाते हैं।

प्रश्न 8.
गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)

(क) ‘नेताजी का चश्मा ‘ पाठ में जब मूर्ति बनाने का कार्य किसी स्थानीय कलाकार को देने का निश्चय हुआ होगा, तो मास्टर मोतीलाल ने लोगों को क्या विश्वास दिलाया होगा? उन्होंने ‘पटक देना’ शब्द का प्रयोग किस संदर्भ में किया?.
उत्तर:
‘नेताजी का चश्मा’ पाठ में जब मूर्ति बनाने का कार्य किसी स्थानीय कलाकार को देने का निश्चय हुआ होगा, तो मास्टर मोतीलाल ने लोगों को विश्वास दिलाया होगा कि महीने भर में वह मूर्ति बनाकर ‘पटक’ देगा। उन्होंने ‘पटक देना’ शब्द का प्रयोग इसलिए किया कि वह जैसे भी हो, किसी भी प्रकार की व्यवस्था करके मूर्ति को महीने भर में बनाकर नगरपालिका को सौंप देंगे।

(ख) ‘लखनवी अंदाज़’ पाठ के लेखक को कल्पना करते रहने की पुरानी आदत क्यों रही होगी? स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
लेखक को कल्पना करते रहने की पुरानी आदत इसलिए रही होगी, क्योंकि वह एक कहानीकार था और नई-नई कल्पनाएँ करते हुए अनेक कहानियों की रचना कर चुका था। अपनी इसी आदत के कारण वह नवाब साहब की आँखों में आए असंतोष के भाव के कारण को जानने की कोशिश करने लगा।

(ग) ‘संस्कृति’ पाठ में संस्कृति – असंस्कृति में क्या अंतर बताया गया है ? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
‘संस्कृति’ पाठ में लेखक ने संस्कृति और असंस्कृति में अंतर स्पष्ट किया है कि संस्कृति एक अविभाज्य वस्तु है। इसमें योग्यता, प्रेरणा, प्रवृत्ति, ज्ञानेप्सा, चिंतन, मनन, करुणा, सर्वस्व, त्याग, बलिदान आदि गुणों का समावेश है। इसमें भौतिक प्रेरणा तथा ज्ञान प्राप्त करने की इच्छा के साथ-साथ कल्याण की भावना भी निहित होती है, यही संस्कृति होती है जब संस्कृति में से कल्याण की भावना को निकाल दिया जाता है, तो वह असंस्कृति बन जाती है। असंस्कृति मनुष्य को विनाश की ओर ले जाती है।

(घ) ‘एक कहानी यह भी ‘ पाठ के आधार पर बताइए कि लेखिका के मन में उपजी हीनता की ग्रंथि का क्या परिणाम हुआ? स्पष्ट कीजिए |
उत्तर:
पिता द्वारा लेखिका की अपनी बहन सुशीला से तुलना करने का यह दुष्परिणाम हुआ कि उसने लेखिका के मन में हीन भावना भर दी। प्रतिष्ठा, सम्मान और नाम पाने के बाद भी उस हीन भावना ने उसका पीछा नहीं छोड़ा। जब कोई उसकी प्रशंसा करने लगता है, तो वह संकोच से स्वयं को लज्जित अनुभव करने लगती और उसे अपनी उपलब्धि पर हमेशा शंका ही बनी रहती।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित पंठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)

(क)
नाथ संभुधनु भंजनिहारा ।
होइहि केउ एक दास तुम्हारा ।।
आयेसु काह कहिअ किन मोही ।
सुनि रिसाइ बोले मुनि कोही ||
सेवकु सो जो करै सेवकाई ।
अरिकरनी करि करिअ लराई ||
सुनहु राम ज़ेहि सिवधनु तोरा ।
सहस्रबाहु सम सो रिपु मोरा ।।
सो बिलगाउ बिहाइ समाजा ।
न त मारे जैहहिं सब राजा ।।
सुनि मुनिबचन लखन मुसुकाने ।
बोले परसुधरहि अवमाने ।।
बहु, धनुही तोरी लरिकाईं।
कबहुँ न असिं रिस कीन्हि गोसाईं । ।
येहि धनु पर ममता केहि हेतू ।
सुनि रिसाइ कह भृगुकुलकेतू ।।

(क) परशुराम ‘के क्रोध को शांत करने के लिए राम ने उनसे क्या कहा?
(i) धनुष तोड़ने वाला कोई राजकुमार है
(ii) धनुष तोड़ने वाला आपका कोई सेवक होगा
(iii) धनुष तोड़ने वाला आपका कोई मित्र होगा
(iv) यह धनुष अपने आप टूट गया
उत्तर:
(ii) धनुष तोड़ने वाला आपका कोई सेवक होगा परशुराम के क्रोध को शांत करने के लिए राम ने उनसे कहा कि धनुष तोड़ने वाला आपका कोई सेवक होगा।

(ख) स्वयंवर में जो धनुष टूट गया था, वह किसका था ?
(i) राजा जनक का
(ii) राम जी का
(iii) विष्णु जी का
(iv) परशुराम जी के आराध्य शिवजी का
उत्तर:
(iv) परशुराम जी के आराध्य शिवजी का स्वयंवर में जो धनुष टूट गया था, वह परशुराम जी के आराध्य शिवजी का था। अपने आराध्य का धनुष टूटने के कारण परशुराम क्रोधित हो गए थे।

(ग) शिव धनुष टूटने पर परशुराम क्रोधित क्यों हुए, क्योंकि
प्रस्तुत कथन के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए
1. परशुराम शिव भक्त थे और उन्हें शिव – धनुष प्रिय था
2. उन्हें सीता – स्वयंवर में आमंत्रित नहीं किया गया था
3. वे क्षत्रिय कुल के विद्रोही थे
उत्तर:
(i) केवल कथन 1 सही है। शिव धनुष टूटने पर परशुराम क्रोधित इसलिए हो गए थे, क्योंकि परशुराम जी शिव भक्त थे और उन्हें शिव धनुष प्रिय था। प्रिय वस्तु के टूटने पर क्रोध आना स्वाभाविक है। वे उस धनुष को कोई सामान्य धनुष नहीं समझते थे।

(घ) भगत अपने संगीत का प्रभाव बढ़ाने के लिए क्या करते थे?
(i) स्वर को ऊँचा करते थे
(ii) स्वर को नीचा करते थे
(iii) स्वर को ऊँचा – नीचा करते थे
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(iii) परशुराम के लिए प्रस्तुत पंक्ति में ‘भृगुकुलकेतू’ शब्द का प्रयोग परशुराम के लिए किया गया है। भृगुकुलकेतू का अर्थ है-भृगुवंश के पताका रूप परशुराम ।

(ङ) कथन (A) बालगोबिन भगत के संगीत में जादू था ।
कारण (R) बालगोबिन भगत कीचड़ में लिथडे रोपनी करते हैं।
(i) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(ii) कथन (A) सही हैं, किंतु कारण (R) गलत है।
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या है।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, परंतु कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर:
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या है। शिव धनुष तोड़ने वाले की तुलना परशुराम ने अपने शत्रु सहस्रबाहु से की है। परशुराम शिव धनुष टूटने पर क्रोधित होते हैं और कहते हैं कि हे राम ! मेरी बात सुनो जिसने भगवान शिव के इस धनुष को तोड़ा है, वह सहस्रबाहु के समान मेरा शत्रु है। वह इस समाज को छोड़कर शीघ्र ही अलग हो जाए।

प्रश्न 10.
कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)

(क) ‘आत्मकथ्य’ कविता में एक तरफ कवि अपने जीवन को ‘गागर रीति’ के साथ बताता है, तो दूसरी तरफ कहता है छोटे-से जीवन की कैसे बड़ी कथाएँ आज कहूँ? कवि के मन की वास्तविक स्थिति को स्पष्ट कीजिए |
उत्तर:
कवि को अपने छोटे-से जीवन में अभावों से भरी बड़ी-बड़ी कथाएँ दिखाई पड़ रही हैं। इसलिए कवि ने अपने जीवन तथा मन को ‘खाली गागर’ के समान बताया है । कवि यह महसूस करता है कि उसकी अभाव भरी कहानियाँ किसी को खुशी तथा है प्रेरणा नहीं दे सकती। इसलिए दूसरों के लिए उसका जीवन ‘खाली गगरी’ के अतिरिक्त कुछ और हो ही नहीं सकता ।

(ख) “ऊधौ भले लोग आगे के, पर हित डोलत धारण” पंक्ति के द्वारा गोपियाँ क्या बताना चाहती हैं? ‘सूरदास के पदों’ के आधार पर बताइए |
उत्तर:
गोपियाँ प्रस्तुत पंक्ति के माध्यम से उद्धव एवं कृष्ण को यह बताना चाहती हैं कि पहले के लोग अर्थात् प्राचीन राजा बहुत भले होते थे, जो दूसरों की भलाई करने के लिए इधर-उधर दौड़ा करते थे, परंतु उद्धव द्वारा लाए गए योग के संदेश को सुनकर न तो अब उद्धव पर विश्वास रहा और न ही श्रीकृष्ण पर।

(ग) कवि बादल से फुहार या रिमझिम बरसने की जगह ‘गरजने ‘ के लिए क्यों कहता है ? ‘उत्साह’ कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
‘उत्साह’ कविता में कवि ने बादलों को क्रांति के सूचक के रूप प्रस्तुत किया है। समाज में कभी-भी क्रांति बादलों की फुहार या रिमझिम बरसने अर्थात् कोमल या मृदु भावों से नहीं आती, अपितु उसके लिए ‘गरजने’ अर्थात् विध्वंस की आवश्यकता होती है। इसलिए कवि नव सृष्टि के निर्माण के लिए बादलों से गरजने के लिए कहता है।

(घ) ‘संगतकार’ कविता के आधार पर संगतकार मुख्य गायक का साथ देते समय उसे क्या-क्या याद दिलाता है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
संगतकार मुख्य गायक का साथ देते समय अप्रत्यक्ष रूप से उसे कुछ बातें याद दिलाता है। कई बार जब मुख्य गायक स्थायी या टेक को छोड़कर अंतरे का चरण पकड़ता है और तानों में खो जाता है या अपने सरगम को लाँघकर एक अनहद में भटक जाता है, तब संगतकार ही गाने के स्थायी को पकड़े रहता है। ऐसा लगता है जैसे वह उसे उसका बचपन याद दिला रहा हो कि जब वह संगीत सीख रहा था और सरगम के स्वर से भटक जाया करता था।

प्रश्न 11.
पूरक पाठ्यपुस्तक के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए । (4 × 2 = 8)

(क) अपने बच्चों के प्रति माँ का ममत्व उनके प्रत्येक क्रिया-कलाप से झलकता है। भोलानाथ की माँ उसके भरपेट खाना खाने के बाद भी उसे थोड़ा और खिलाने का हठ करती थी। ‘माता का अँचल’ अध्याय में आए भोजन खिलाने वाले इस प्रसंग का उदाहरण देते हुए अपने विचार स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
भोलानाथ के भरपेट खाना खाने के बाद भी उसकी माँ उसे थोड़ा और खिलाने का हठ करती थी । वह उसके बाबूजी से कहती थी कि आप तो चार-चार दाने के कौर बच्चे के मुँह में देते जाते हो, इससे वह थोड़ा खाने पर भी यह समझ लेता है कि बहुत खा चुका। आप खिलाने का ढंग नहीं जानते। बच्चे को भर – मुँह कौर खिलाना चाहिए। माँ के हाथ से खाने पर ही बच्चों का पेट भरता है । माँ के ऐसे व्यवहार से स्पष्ट होता है कि वह अपने बच्चे के प्रति अत्यधिक ममत्व (ममता) का भाव रखती है।

(ख) लोंग स्टॉक पर घूमते चक्र के बारे में पूछा यह बताया कि यह चक्र है इसको घुमाने से सारे पाप धुल जाते हैं। इससे भारत की आत्मा एक-सी क्यों दिखी ? ‘साना-साना हाथ जोड़ि’ पाठ के आधार पर बताइए |
उत्तर:
लोंग स्टॉक के घूमते चक्र के बारे में जितेन ने बताया कि यह ‘धर्म ‘चक्र’ है, इसको घुमाने से सारे पाप धुल जाते हैं। लेखिका को लगा कि मैदानी क्षेत्र में भी ऐसी अनेक मान्यताएँ और विश्वास प्रचलित है; जैसे— गंगा नदी को पतितपावनी माना जाता है। कहने का तात्पर्य यह है कि मैदान हो या पहाड़, वैज्ञानिक प्रगतियों के बावजूद इस देश की आत्मा एक जैसी है। यहाँ के लोगों की आस्थाएँ, अंधविश्वास, पाप-पुण्य की अवधारणाएँ और कल्पनाएँ एक जैसी हैं।

(ग) लेखन से जुड़े कलाकारों को बाहरी दबाव प्रभावित करता है। क्या यह अन्य क्षेत्रों से जुड़े कलाकारों को भी प्रभावित करता है ? ‘मैं क्यों लिखता हूँ’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
बाहरी दबाव सभी प्रकार के कलाकारों को प्रभावित करते हैं। उदाहरणतः अधिकतर गायक, नर्तक, अभिनेता, कलाकार आदि अपने दर्शकों, श्रोताओं, आयोजकों की माँग पर कला-प्रदर्शन करते हैं। एक चित्रकार या मूर्तिकार जब किसी दूसरे चित्रकार अथवा मूर्तिकार को देखता जिसे सम्मान और आर्थिक लाभ भी प्राप्त होता दिखाई देता है, तो वह भी प्रभावित होकर अपनी प्रतिभा को दर्शाने का प्रयत्न और उसका व्यवसायीकरण करता है। फिल्म कलाकार को भी अकसर पूँजीपतियों एवं राजनीतिक नेताओं के दबाव में कार्य करते देखा गया है। आज स्तरहीन श्रोताओं व दर्शकों की माँग पर मंच पर फूहड़ संगीत व अभिनय परोसने वाले कलाकारों की भी कमी नहीं है। मैं क्यों लिखता हूँ पाठ में भी बताया गया है कि कई बार लेखक का मन कुछ लिखने को नहीं होता है, परंतु प्रकाशक और संपादक का आग्रह उसे लेखन के लिए प्रेरित करता है। साथ ही आर्थिक विवशता भी लिखने के लिए विवश करती है।

खंड ‘घ’ (रचनात्मक लेखन) (20 अंक)

इस खंड में रचनात्मक लेखन पर आधारित प्रश्न पूछे गए हैं, जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।

प्रश्न 12.
निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए । (6)

(क) ई-कचरा
संकेत बिंदु

  • तात्पर्य
  • ई-कचरे से समस्याएँ
  • ई-कचरे का निपटान

उत्तर:
ई-कचरा
ई-कचरा आधुनिक समय की एक गंभीर समस्या है। वर्तमान समय में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के फलस्वरूप, आज नित नए-नए उन्नत तकनीक वाले इलेक्ट्रॉनिक यंत्रों का उत्पादन हो रहा है। जैसे ही बाज़ार में उन्नत तकनीक वाला उत्पाद आता है, वैसे ही पुराने यंत्र बेकार पड़ जाते हैं। इसका परिणाम आज हम सभी के सामने है कि आज कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल फोन, टीवी, रेडियो, प्रिंटर, आई-पोड्स आदि के रूप में ई-कचरा बढ़ता जा रहा है। एक अनुमान के अनुसार एक वर्ष में संपूर्ण विश्व में लगभग 50 मिलियन टन ई-कचरा उत्पन्न होता है। यह अत्यंत चिंता का विषय है कि ई-कचरे का निपटान उस दर से नहीं हो पा रहा है, जितनी तेज़ी से यह उत्पन्न हो रहा है।

ई-कचरे को खुले में डालने या जलाने से पर्यावरण के लिए गंभीर समस्याएँ उत्पन्न हो गई हैं, क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक यंत्रों में आर्सेनिक, कोबाल्ट, मरकरी, बेरियम, लिथियम, कॉपर, क्रोम, लेड आदि हानिकारक अवयव होते हैं। इनसे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ गया है। ई-कचरे की बढ़ती मात्रा को देखते हुए भारत सरकार ने अक्टूबर, 2016 में ई-कचरा प्रबंधन नियम बनाया था। अब समय आ गया है कि ई-कचरे के उचित निपटान और पुनः चक्रण पर ध्यान दिया जाए अन्यथा पूरी दुनिया शीघ्र ही ई-कचरे का ढेर बन जाएगी। इसके लिए विकसित देशों को आगे आना होगा और विकासशील देशों के साथ अपनी तकनीकों को साझा करना होगा, क्योंकि विकसित देशों में ही ई-कचरे का उत्पादन अधिक होता है। इस समस्या से निपटने के लिए संपूर्ण विश्व को एकजुट होकर कार्य करना होगा ।

(ख) आत्मविश्वास और सफलता
संकेत बिंदु

  • भूमिका
  • महत्त्व
  • आत्मविश्वास की पहचान

उत्तर:
आत्मविश्वास और सफलता
आत्मविश्वास एक मानसिक एवं आध्यात्मिक शक्ति है। आत्मविश्वास से ही विचारों की स्वाधीनता प्राप्त होती है और इसके कारण ही महान कार्यों के संपादन में सरलता और सफलता मिलती है, जो व्यक्ति आत्मविश्वास से ओत-प्रोत है, उसे अपने भविष्य के प्रति किसी प्रकार की चिंता नहीं रहती। दूसरे व्यक्ति जिन संदेह और शंकाओं से दबे रहते हैं, वे सदैव उनसे मुक्त रहते हैं, यह मनुष्य की आंतरिक भावना है। इसके बिना जीवन में सफल होना अनिश्चित है। छात्रों को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हमेशा प्रेरणा की आवश्यकता होती है और प्रेरणा से आत्मविश्वास बढ़ता है। आत्मविश्वास सीधे हमारी सफलता सें जुड़ा होता है। जितना अधिक छात्र प्रेरित होता है, उतने ही अधिक अंक वह प्राप्त कर सकता है। वर्तमान समय में यदि हमें कुछ पाना है, किसी भी क्षेत्र में कुछ करके दिखाना है, जीवन को खुशी से जीना है, तो इन सबके लिए आत्मविश्वास का होना परम आवश्यक है।

आत्मविश्वास में वह शक्ति है, जिसके द्वारा हम कुछ भी कर सकते हैं। अपने ऊपर विश्वास रखकर ही हम बड़े से बड़ा कार्य कर सकते हैं और अपना जीवन सहज बना सकते हैं। मधुमक्खी कण-कण से ही शहद इकट्ठा करती है। उसे कहीं से इसका भंडार नहीं मिलता। उसके छत्ते में भरा शहद उसके आत्मविश्वास और कठिन परिश्रम का ही परिणाम होता है। दुनिया में ईश्वर ने सभी को अनंत शक्तियाँ प्रदान की हैं। हर किसी में कोई-न-कोई विशेष गुण होता है। हमें केवल अपने अंदर के उस विशेष गुण को पहचानने तथा निखारने की आवश्यकता है। जो काम दूसरे कर सकते हैं वे काम आप क्यों नहीं कर सकते। यदि आपका अपने ऊपर विश्वास है, तो कोई भी कार्य असंभव नहीं है। जरूरत है तो बस आत्मविश्वास बनाए रखने की तथा आत्मविश्वास जगाने की, क्योंकि आत्मविश्वास से ही मनुष्य जीवन के किसी भी मार्ग में सफलता प्राप्त कर सकता है। अंततः कहा जा सकता है कि आत्मविश्वास मनुष्य के अंदर ही समाहित होता है। आपको इसे कहीं से लाने की आवश्यकता नहीं होती। बस जरूरत है अपने अंदर की आंतरिक शक्तियों को इकट्ठा कर अपने आत्मविश्वास को मजबूत करने की।

(ग) प्लास्टिक मुक्त भारत
संकेत बिंदु

  • भूमिका
  • सरकार के फैसले
  • प्लास्टिक मुक्त भारत में हमारा योगदान

उत्तर:
प्लास्टिक मुक्त भारत
आज के समय में प्लास्टिक प्रदूषण पर्यावरण के लिए एक गंभीर संकट बन गया है और आने वाले समय में यह और भी अधिक भयावह होने वाला है। आज प्लास्टिक का उपयोग इतना अधिक होने लगा है कि यह हमारे पर्यावरण और पृथ्वी के जनजीवन पर बहुत बुरा प्रभाव डाल रहा है। प्लास्टिक वस्तुओं की बढ़ती माँग के कारण विश्वभर में प्लास्टिक का उत्पादन बढ़ता जा रहा है। भारत को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए सरकार को अब किसी नई संस्था को प्लास्टिक उत्पादन की मंजूरी नहीं देनी चाहिए, ताकि प्लास्टिक के उत्पादन को नियंत्रित किया जा सके। भारत को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए सरकार को कड़े फैसले लेने की आवश्यकता है। कुछ जरूरी कदम हैं, जिनका आवश्यक रूप से पालन किया जाना चाहिए

(i) कई देशों की सरकारों द्वारा प्लास्टिक बैग का उपयोग प्रतिबंधित कर दिया गया है, क्योंकि इसके द्वारा ही सबसे अधिक प्लास्टिक प्रदूषण फैलता है, हालांकि भारत जैसे कुछ देशों में इन प्रतिबंधों को सही ढंग से लागू नहीं किया गया है, किंतु यदि भारत को प्लास्टिक मुक्त बनाना है, तो सरकार को प्लास्टिक बैग के उपयोग को रोकने के लिए कड़े फैसले लेने ही होंगे।

(ii) इसके साथ ही लोगों में प्लास्टिक कचरे के पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव को लेकर जागरूकता फैलाने की भी आवश्यकता है। यह कार्य टेलीविजन और रेडियो व विज्ञापनों । आदि के माध्यम से आसानी से किया जा सकता है।

(iii) हम चाहे जितना भी प्रयास कर लें, परंतु प्लास्टिक उत्पादों के उपयोग को पूर्ण रूप से बंद नहीं कर सकते। लेकिन हम चाहें तो इसके उपयोग को निश्चित रूप से कम जरूर कर सकते हैं। भारत को प्लास्टिक मुक्त करना मात्र सरकार की ही जिम्मेदारी नहीं है और सरकार अकेले इस विषय में कुछ भी नहीं कर सकती। एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते यह हमारा कर्त्तव्य है कि प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने में हम भी अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दें।

अंततः यही कहा जा सकता है कि भारत को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को इस समस्या के निवारण के लिए आगे आना होगा और अपना बहुमूल्य योगदान देना होगा।

प्रश्न 13.
आप गार्गी सिन्हा हैं। आपके शहर में उद्योग-धंधों की चिमनियों से निकलने वाले धुएँ एवं कोयले की राख से दम घुटता है। इस बढ़ते हुए प्रदूषण को रोकने के लिए अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराने हेतु किसी प्रतिष्ठित समाचार-पत्र के संपादक को एक समाचार प्रकाशित करने का अनुरोध करते हुए लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए। (5)
अथवा
आप अंकित पाराशर हैं। आप अपने मित्र को अनुशासन का हमारे जीवन में कितना महत्त्व है, समझाते हुए लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए।
उत्तर:
परीक्षा भवन,
दिल्ली।
दिनांक 12 मार्च, 20XX

सेवा में,

संपादक महोदय,
दैनिक जागरण,
दिल्ली |
विषय उद्योग-धंधों के कारण बढ़ते प्रदूषण के विषय में।

महोदय,

मैं आपके प्रतिष्ठित समाचार-पत्र के माध्यम से जनता, अधिकारियों तथा सरकार का ध्यान शहरों में कल-कारखानों के कारण होने वाले प्रदूषण की ओर आकर्षित कराना चाहती हूँ । आशा है कि आप मेरे संबंधित समस्या और विचारों को अपने प्रतिष्ठित समाचार – पत्र में प्रकाशित करेंगे। आज के आधुनिक युग में उद्योग-धंधों का प्रसार हो रहा है। इनकी चिमनियों से निकलने वाले धुएँ के कारण वायुमंडल में प्रदूषण की मात्रा बहुत बढ़ गई है। इसके अतिरिक्त औद्योगिक केंद्रों से, मशीनों से निकलने वाले कचरे से भी वायुमंडल में प्रदूषण बढ़ रहा है। प्रदूषण चाहे कैसा भी हो, स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक होता है। वायुमंडल में शुद्ध वायु की कमी विभिन्न रोगों को जन्म देती है। हमारे शहर के चारों ओर स्थित अनेक उद्योग-धंधों की चिमनियों से निकलने वाला धुआँ तथा कोयले की राख आस-पास के निवासियों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं।

मेरा मुख्यमंत्री, ज़िलाधीशों तथा प्रदूषण विभाग के अधिकारियों से विनम्र अनुरोध है कि वे इस ओर ध्यान दें तथा इस संबंध में आवश्यक एवं कठोर कदम उठाएँ, जिससे समस्या का उचित समाधान हो सके ।

भवदीया
गार्गी सिन्हा

अथवा

परीक्षा भवन,
दिल्ली |
दिनांक 18 नवंबर, 20XX

प्रिय मित्र,

सप्रेम नमस्कार !

मैं यहाँ सकुशल हूँ और आशा करता हूँ कि तुम भी कुशल होंगे। अनुशासन का हमारे जीवन में कितना महत्त्व है, यह कल मैंने प्रत्यक्ष अनुभव किया। इसी संदर्भ में, मैं तुम्हें यह पत्र लिख रहा हूँ। कल मैं पानी का बिल जमा करने की लाइन में खड़ा था। वहाँ पर शिक्षित व्यक्तियों ने ऐसा आचरण किया, जिसे देखकर किसी अनपढ़ व्यक्ति को भी शर्म आ सकती है। उन्होंने अनुशासन को ध्यान में न रखते हुए बिल जमा करने वाली लाइन को ध्वस्त कर दिया और बिना किसी नियम के बिल जमा करने की ज़िद करने लगे । मित्र, मुझे लगता है कि जीवन में अनुशासन का बहुत महत्त्व है। इसके लिए पहले स्वयं को ही अनुशासित करना होगा ।

अनुशासन के महत्त्व को प्रकृति तथा पेड़-पौधों में भी देखा जा सकता है। दिन और रात का क्रम लगातार चलता रहता है। समय पर ही ऋतुओं का परिवर्तन होता है। पेड़-पौधों में समयानुसार ही फल-फूल आते हैं। यदि प्रकृति नियम और अनुशासन न माने, तो भीषण अकाल तथा अन्य प्राकृतिक आपदाएँ आ सकती हैं। अनुशासन न मानने वाला व्यक्ति समाज में कुछ नहीं कर सकता। तुम भी मेरी इस बात से सहमत होंगे।
बाकी सब कुशल मंगल है। घर पर सभी बड़ों को मेरा अभिवादन और छोटों को प्यार कहना ।

तुम्हारा मित्र
अंकित पाराशर

प्रश्न 14.
आप माही खंडेलवाल हैं। आप एम. ए. बी.एड. हैं। आपको महावीर इंटरनेशनल स्कूल अ.ब. स. नगर में अंग्रेजी अध्यापिका पद के लिए आवेदन करना है। इसके लिए आप अपना एक संक्षिप्त स्ववृत्त (बायोडाटा) लगभग 80 शब्दों में तैयार कीजिए । (5)
अथवा
आप राजीव कुमार हैं। आपका बैंक ऑफ बड़ौदा में खाता है । उसमें आपने एटीएम कार्ड के लिए आवेदन किया था, जो 1 माह के पश्चात् भी प्राप्त नहीं हुआ। अतः महाप्रबंधक महोदय को शिकायत करते हुए लगभग 80 शब्दों में एक ई-मेल लिखिए।
उत्तर:
स्ववृत्त

नाम : माही खंडेलवाल
पिता का नाम : श्री प्रकाश खंडेलवाल
माता का नाम : श्रीमती प्रतिभा खंडेलवाल
जन्म तिथि : 16 मार्च, 19XX
वर्तमान पता : डी-91, जनता कॉलोनी, आदर्श नगर, दिल्ली
स्थायी पता : उपर्युक्त
दूरभाष नंबर : 0141241XXXX
मोबाइल नंबर : 924599XXXX
ई-मेल : 23Mahi@gmail.com

अन्य संबंधित योग्यताएँ

  • कंप्यूटर का विशेष ज्ञान और अभ्यास (एम.एस ऑफिस इंटरनेट)
  • जर्मन, फ्रेंच भाषा का ज्ञान
  • स्मार्ट बोर्ड क्लास का ज्ञान

उपलब्धियाँ

  • सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता (राज्य स्तरीय वर्ष 2014) में प्रथम पुरस्कार
  • अंग्रेजी क्विज (राज्य स्तर वर्ष 2016) प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान

अनुभव

  • प्राची इंटरनेशनल स्कूल में 5 वर्ष का अनुभव

संदर्भित व्यक्ति का विवरण

  • श्री मदनलाल शर्मा प्रधानाध्यापक राजकीय विद्यालय, दिल्ली
  • श्री सौरभ अग्रवाल, विभागाध्यक्ष दिल्ली, विश्वविद्यालय

उद्घोषणा मैं यह पुष्टि करती हूँ कि मेरे द्वारा दी गई उपर्युक्त जानकारी पूर्ण रूप से सत्य है।

तिथी 7.10.20XX
स्थान दिल्ली
माही खंडेलवाल
हस्ताक्षर

अथवा

From : Rajivkr@gmail.com
To : BOB@gmail.com
CC : Manager@gmail.com
BCC :-

विषय ए.टी.एम कार्ड न मिलने की शिकायत हेतु ।

महोदय,

आपके प्रतिष्ठित बैंक में मेरा खाता नं. 1489XXXXX है। मैंने एक महीने पहले एटीएम कार्ड के लिए आवेदन किया था, किंतु वह मुझे अभी तक नहीं मिला है। एटीएम कार्ड न मिलने के कारण मुझे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कृपया आप मुझे बताइए कि इस देरी का क्या कारण है।

आपसे निवेदन है कि आप मेरा एटीएम कार्ड शीघ्र ही मेरे पते पर भेजने का कष्ट करें।

धन्यबाद |
भवदीय
राजीव कुमार

प्रश्न 15.
आपके चाचा जी ने मिठाई की दुकान खोली है। वे प्रचार-प्रसार के लिए स्थानीय समाचार पत्र में उसका विज्ञापन देना चाहते हैं। आप उनके लिए लगभग 40 शब्दों में एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए । (4)
अथवा
आप पारूल गर्ग हैं। आपके क्षेत्र में जन्माष्टमी के अवसर पर श्रीकृष्ण लीला का आयोजन हो रहा है। इस अवसर पर लगभग 40 शब्दों में जन्माष्टमी के आयोजन संबंधी संदेश लिखिए।

अथवा

जन्माष्टमी के आयोजन हेतु संदेश

दिनांक 12 अगस्त, 20XX
समय 6 : 00 बजे सायं से 12 : 00 बजे रात्रि तक

प्रिय क्षेत्रवासियों,

आपको यह बताते हुए मुझे अत्यंत हर्ष हो रहा है कि हमारे क्षेत्र सिद्धार्थ नगर के मंदिर में 12 अगस्त को जन्माष्टमी के अवसर पर श्रीकृष्ण लीला कार्यक्रम तथा दही-हांडी प्रतियोगिता का आयोजन होने जा रहा है, जिसमें छोटे-छोटे बच्चे राधा कृष्ण बनकर अपनी कला को प्रस्तुत करेंगे। इस कार्यक्रम के उपरांत विजेता टीम को उचित इनाम दिया जाएगा। इस दिव्य आयोजन में आप सभी भक्तजन सादर आमंत्रित हैं।

समस्त गर्ग परिवारजन
(आयोजक)

Also Check

CSBE Class 10 Sample Paper For All Subjects

Related Articles

Board

29th April, 2025 , 2 min read

CBSE 10th Result 2025 Official Websites List - Trusted sources and web browsers The students in this article can read all about the CBSE 10th result 2025 official websites list. These are the trusted websites to check the CBSE results and students can rely solely on any one of these websites. By - Ridhima Jindal Read More >
Board

06th March, 2025 , 3 min read

How to Attempt CBSE 10th Maths Exam 2025: Expert Tips for Scoring Higher Know how to write and attempt the CBSE Class 10 Maths Exam 2025 for optimum marks. Learn expert tips, time management tricks, and topper tips to attempt every part of the paper efficiently, right from MCQs to case study-based questions. By - Akansha Read More >
Board

24th February, 2025 , 8 min read

CBSE 10th Social Science Most Asked Questions for Board Exam 2025 The CBSE Class 10 Science Board Exams is set to be conducted on 25th February 2025. This article provides the CBSE 10th Social Science Most Repeated Questions which students must solve to score well in CBSE Class 10 Board Exams 2025. By - Akansha Read More >
Board

19th February, 2025 , 2 min read

CBSE 10th Science Exam 2025 Tomorrow: Final Day Tips & Important Topics for Higher Marks The CBSE 10th Science Board Exams is set to be conducted on 20th February 2025. Here are some last day tips and major topics to cover for scoring higher in the exams. Read in detail to know these topics and last day preparation tips. By - Akansha Read More >
Board

18th February, 2025 , 9 min read

CBSE Class 10 Science Most Asked Questions PDF Download 2025 The CBSE Class 10 Science Board Exams 2025 is set to be conducted on 20th February 2025. For last minute preparations this article provides the CBSE Class 10 Science most repeated questions which students must practice to score higher in the CBSE 10th Science Board Exams 2025. By - Akansha Read More >
Board

14th February, 2025 , 2 min read

CBSE Class 10 Board English Exam Tomorrow: Writing Tips to Score Full Marks The CBSE Class 10 English Board Exam is scheduled for tomorrow. Students must go through this article to know last minute answer writing tips which will help them to score higher. By - Akansha Read More >
Board

22nd January, 2025 , 2 min read

CBSE 10th Sample Paper Hindi A Set 12 With Solutions Check out and download the CBSE 10th Sample Paper Hindi A Set 12 With Solutions. By - Tushar Read More >
Board

22nd January, 2025 , 2 min read

CBSE 10th Sample Paper Hindi A Set 11 With Solutions Check out and download the CBSE 10th Sample Paper Hindi A Set 11 With Solutions. By - Tushar Read More >
Board

22nd January, 2025 , 2 min read

CBSE 10th Sample Paper Hindi A Set 10 With Solutions Check out and download the CBSE 10th Sample Paper Hindi A Set 10 With Solutions. By - Tushar Read More >
Board

22nd January, 2025 , 2 min read

CBSE 10th Sample Paper Hindi A Set 8 With Solutions Check out and download the CBSE 10th Sample Paper Hindi A Set 8 With Solutions. By - Tushar Read More >
Board

20th January, 2025 , 2 min read

CBSE Class 10 Science Important Topics 2025: Check CBSE 10 Science Important Chapters Here Find out and download CBSE 10th Board Science important topics and questions. Check out all the crucial CBSE class 10 Science chapters and their weightage here. By - Tushar Read More >
Board

23rd December, 2024 , 6 min read

English Important Questions Class 10: Chapter Wise Most Repeated Question 2024-25 Aspirants preparing for CBSE English Exam 2025 may go through and download the Important Questions for Class 10 English available here. By - Tushar Read More >
Board

16th December, 2024 , 3 min read

CBSE Class 10 Maths Sample Paper 2025 Free PDF Download CBSE has released the CBSE 10th Maths Sample Paper 2024-25. Students must practice it to score highly in the CBSE 10th Mathematics Board Exam 2025. By - Akansha Read More >
Board

16th December, 2024 , 3 min read

CBSE Class 10 Science Sample Papers 2024-25 Free PDF Download Here! The CBSE has released sample papers for 10th Board Exam candidates. Students who will appear for the board exams in 2025 can use these sample papers to enhance their exam preparation. By - Akansha Read More >
More Articles

Related News

Board

30th April, 2025 , 2 min read

CBSE 10th result 2025 link to be activated soon, Steps to download and Live Updates CBSE 10th result 2025 will soon be activated and available on the official website. Students on this page can check the live updates for the result, and also check how and where to download the class 10 cbse result. By - Ridhima Jindal Read More >
Board

28th April, 2025 , 1 min read

CBSE Class 10th Result OUT @cbse.nic.in Soon. Steps to download and link here The CBSE class 10th results are expected to be out on 2nd May 2025. While there can be a change in dates, there is no official notice. Read the news to download your CBSE result. By - Ridhima Jindal Read More >
Board

26th April, 2025 , 2 min read

UP Board Class 10 Success Story: Nandram Writes Exam with Lips, Defeats All Odds Despite his disability, Nandram wrote an inspirational chapter about perseverance and self-belief. By - Prateek Tomar Read More >
Board

14th April, 2025 , 2 min read

CBSE 10th Result 2025: Didn't Do Well in Exams? Here's What to Do Next Worried about your CBSE 10th results in 2025? If your exams didn’t go well, here are some practical steps and options to help you move forward. By - Akansha Read More >
Board

06th April, 2025 , 2 min read

CBSE Class 10 Result 2025 Expected Soon: Steps to Check and Download The Central Board of Secondary Education (CBSE) is expected to release the Class 10 results for 2025 in mid-May. Students can check their results online using their roll number, school number, date of birth, and admit card ID. By - Nawal Read More >
Board

01st April, 2025 , 1 min read

CBSE Board Class 10 Results 2025 Date: Class 10th exams over; when CBSE will declare Class 10 Results 2025; Check previous year trend; Details below CBSE Board Class 10 Results 2025 Date: Class 10th exams over; when CBSE will declare Class 10 Results 2025; Check previous year trend; Details below By - Prateek Tomar Read More >
Board

18th March, 2025 , 2 min read

CBSE Class 10 Result 2025 Likely to be Released on this Date, Check Details The CBSE Class 10 result 2025 is tentative to be released by 20th May 2025. Students can access the result by visiting the board's official websites (cbse.gov.in or results.cbse.nic.in). Read this news to know more details. By - Akansha Read More >
Board

18th March, 2025 , 2 min read

CBSE Board Exam 2025 Class 10: IT, AI, Computer Applications, paper ends; answer key, analysis and latest updates; Check below The CBSE Class 10 computer applications (CS), information and technology (IT), and artificial intelligence (AI) was conducted at 1:30pm today. In a single shift, the CBSE conducted the Class 10 CS, AI, and IT 2025 exams between 10:30 AM and 1:30 PM. By - Prateek Tomar Read More >
Board

10th March, 2025 , 1 min read

CBSE Class 10 Maths Board Exam 2025: Paper Analysis, Answer Key PDF Soon The CBSE Class 10 Maths Board Exam 2025 started at 10:30 am on 10th March 2025 for both Basic and Standard Mathematics. According to the exam timings the paper was conducted for 3 hours and ended at 1:30pm. Know more details here. By - Akansha Read More >
Board

26th February, 2025 , 2 min read

CBSE 10th Social Science Board Exam 2025: Teachers and Students Opinion The CBSE Class 10 Social Science Board Exam 2025 has concluded on 25th February 2025. To know what students and teachers had to say about the paper scroll through this article. By - Akansha Read More >
Board

16th February, 2025 , 3 min read

CBSE Board Exam 2025: Class 10 English Question Paper Analysis The CBSE Class 10 English Board Exam 2025 was conducted on 15th February 2025. Students can get the analysis of CBSE 10th English Question Paper Here! By - Akansha Read More >
Board

02nd August, 2024 , 2 min read

CBSE Compartment Result 2024 LIVE Updates: Check CBSE Class 10, 12 Supplementary Results CBSE compartment result 2024 for class 10 and class 12 students will be announced online. The supplementary results are expected in the first week of August 2024. By - Ranjan Read More >
More News